New Delhi/Alive News : सुप्रीम कोर्ट ने आज बताया कि नीट सुपर स्पेशियलिटी डीएम परीक्षा के पैटर्न में इस साल कोई बदलाव नहीं होगा. यह परीक्षा पुराने पैटर्न पर ही आयोजित होगी. केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड ने सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष स्वीकार किया कि इस वर्ष NEET सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा पुराने पैटर्न के अनुसार आयोजित की जाएगी. नया पैटर्न अगले साल से लागू होगा.
केंद्र, एनएमसी और एनबीई ने सुप्रीम कोर्ट की आलोचना के पक्ष में स्वीकार किया कि 10-11 नवंबर को निर्धारित नीट-सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा पुराने क्वेश्चन पैटर्न के अनुसार आयोजित की जाएगी. एएसजी ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि नया क्वेश्चन पैटर्न अगले साल से लागू होगा. SC का कहना है कि सरकार इस मामले में बहुत निष्पक्ष रही है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा सुपर स्पेशियलिटी (NEET-SS) 2021 के पैटर्न में किए गए “लास्ट मिनट चेंजेज” पर अपनी नाराजगी व्यक्त की थी. कोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया यह प्रतीत होता है कि इसके जरिये केवल रिक्त पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल सीटों को भरने का इरादा है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार तीन-न्यायाधीशों की पीठ का नेतृत्व कर रहे न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने कल की सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) के लिए उपस्थित हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह से कहा कि मैंने हलफनामा पढ़ा, अब यह साबित करने की कोशिश करें कि यह सब केवल रिक्तियों को भरने के लिए नहीं किया गया है.
अदालत ने कहा कि इस वर्ष परिवर्तनों के साथ जल्दबाजी करने की योजना से बहुत मजबूत धारणा बन रही है कि चिकित्सा शिक्षा एक व्यवसाय बन गई है, और यहां तक कि चिकित्सा विनियमन भी एक व्यवसाय बन गया है. पैटर्न में बदलाव के साथ ही जल्दबाजी में एग्जाम कराने को लेकर कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि उम्मीदवारों को पर्याप्त समय देने के लिए अगले साल से बदलाव किए जा सकते थे. अदालत ने इस साल से ही बदलाव पेश करने की ‘जल्दबाजी’ पर सवाल उठाया. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि यदि आप अगले साल से बदलाव पेश करते, इतनी क्या जल्दी थी.