October 25, 2024

नायब सरकार ने मंत्री पदों में परिवारवाद को भी खूब तवज्जो दी

नायब सरकार में दलबदलू नेता

Faridabad/Alive News: नायब सरकार में परिवारवाद को भी खूब तवज्जो दी गई है। मोदी कैबिनेट में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और राज्यसभा सांसद किरण चौधरी की बेटी को नायब सैनी कैबिनेट में मंत्री बनाया गया है।

हरियाणा सरकार में 13 में से 6 मंत्री ऐसे हैं, जो दल बदलकर बीजेपी में आए हैं. इनमें 2 तो चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे.

सरकार में दलबदलू कौन-कौन हैं?

अरविंद शर्मा- कांग्रेस से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले अरविंद कुमार शर्मा को मंत्री बनाया गया है. शर्मा तब सुर्खियों में आए थे, जब 2019 में उन्होंने रोहतक से दीपेंद्र हुड्डा को हरा दिया था. हालांकि, 2024 के चुनाव में दीपेंद्र ने अरविंद को बड़ी पटखनी दी थी.

    अरविंद इसके बाद विधायकी के चुनाव में उतर गए. विधानसभा चुनाव में उन्होंने गोहना सीट से कांग्रेस के जगबीर मल्लिक को हराया. अरविंद शर्मा को बीजेपी हाईकमान का करीबी माना जाता है. शर्मा ब्राह्मण कोटे से मंत्री बनाए गए हैं.

    राव नरवीर- दक्षिण हरियाणा के कद्दावर नेता राव नरवीर लोकदल, कांग्रेस, हरियाणा विकास पार्टी, हरियाणा जनहित कांग्रेस और बीएसपी में रह चुके हैं. राव नरवीर को अहीरवाल बेल्ट में राव इंद्रजीत का विरोधी माना जाता है. नरवीर को मंत्री बनाए जाने के पीछे इसी समीकरण का हवाला दिया जा रहा है.

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      राव नरवीर मनोहर लाल खट्टर सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उनके पास उर्जा और वन जैसे प्रमुख विभाग रहे हैं. राव नरवीर को यादव कोटे से मंत्री बनाया गया है.

      आरती राव- अटेली से विधायक चुनी गईं आरती सिंह राव को भी नायब सैनी में शामिल किया गया है. आरती मोदी सरकार में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी है. आरती तब बीजेपी में आई, जब उनके पिता ने पाला बदल लिया था. राव इंद्रजीत बीजेपी में आने से पहले कांग्रेस में थे.

        आरती को कैबिनेट में शामिल करने के पीछे राव इंद्रजीत को साधने के तौर पर देखा जा रहा है. राव इंद्रजीत मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल थे.

        श्याम सिंह राणा- राजपूत कोटे से श्याम सिंह राणा को कैबिनेट में शामिल किया गया है. राणा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी में आए थे. वे इनेलो समेत कई पार्टियों में रह चुके हैं. राणा यमुनानगर के रादौर से विधायक चुने गए हैं. उन्होंने इस चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के बिशन सिंह को हराया था.

          राणा के जरिए बीजेपी हरियाणा में राजपूतों को साधना चाहती है. हरियाणा के चुनाव में राजपूत बड़ी भूमिका निभाते हैं.

          रणवीर गंगवा- इनेलो से बीजेपी में आने वाले रणवीर गंगवा को भी नायब सैनी सरकार में शामिल किया गया है. गंगवा हिसार की बरवाला सीट से चुनाव जीतकर सदन पहुंचे हैं. गंगवा पहले नलवा सीट से जीतते रहे हैं, लेकिन इस बार पार्टी ने उनका टिकट बदल दिया था.

            क्षेत्र में दूसरी पार्टी से आने को लेकर गंगवा सुर्खियों में थे. हालांकि, उन्होंने आसानी से अपना चुनाव निकाल लिया.

            श्रुति चौधरी- चौधरी बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी को बीजेपी ने नायब कैबिनेट में जगह दी है. श्रुति चुनाव से ठीक पहले अपनी मां किरण के साथ बीजेपी में शामिल हुई थी. श्रुति की मां किरण राज्यसभा की सांसद है.

              चौधरी बंसीलाल को कांग्रेस का कद्दावर नेता माना जाता था. वे हरियााणा के मुख्यमंत्री रहे हैं. श्रुति को जाटों को साधने के लिए मंत्री बनाया गया है.

              परिवारवाद को भी खूब तरजीह
              नायब सिंह सैनी कैबिनेट में परिवारवाद को भी खूब तरजीह दी गई है. श्रुति और आरती के अलावा राजेश नागर को कैबिनेट में शामिल किया गया है. नागर के पिता हरियाणा बीजेपी के कद्दावर नेता रूप स्वरूप नागर के बेटे हैं.

              इसी के साथ बीजेपी ने कैबिनेट में जातियों को भी साधने का प्रयास किया है. सरकार में 2 ब्राह्मण, 2 दलित, 2 जाट, 2 यादव को शामिल किया गया है. इसके अलावा एक-एक राजपूत, गुर्जर, सैनी, गंगवा, पंजाबी और वैश्य समुदाय के कोटे से मंत्री बनाया गया है.

              संघ के मूल काडर के सिर्फ 4 नेता
              राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए राजनीति में आने वाले महिपाल ढांडा, गौरव गौतम और अनिल विज को मंत्री बनाया गया है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी संघ से ही राजनीति में आए हैं. वहीं कृष्ण लाल पंवार, कृष्णा बेदी और विपुल गोयल बीजेपी की ही राजनीति करते रहे हैं.

              90 विधानसभा सीटों वाली हरियाणा में कुल 14 मंत्री बनाए जा सकते हैं. बीजेपी को 90 में से 47 सीटों पर जीत मिली है. उसे 2 निर्दलीय ने भी समर्थन किया है.