Faridabad/ Alive News: सातवें वेतन आयोग से वंचित व हरियाणा सरकार की वायदा खिलाफी से नाराज प्रदेश के पालिका, परिषद और निगम के कर्मचारी 29 जून को प्रदेश के सभी 80 शहरों में 12 घंटे की भूख हड़ताल कर सरकार को चेतावनी देगें तथा जनता के बीच अपील करेगें कि वह 12, 13 व 14 जुलाई की हड़ताल के लिए समर्थन दें। नगर पालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के आह्वान पर जहां पूरे प्रदेश के पालिका, परिषद और निगमों के कर्मचारी पर्चें बांटकर सरकार के दलित एवं कर्मचारी विरोधी चेहरे को बेनकाब करने में जुट गए है। वहीं नगर निगम फरीदाबाद के कर्मचारियों ने आज लगातार बीके चौक से एनआईटी के एक नम्बर के मुख्य बाजार होते हुए एक-दो के चौक से वापिस निगम मुख्यालय तक दुकानदारों, वाहन चालकों व आम जनता में हजारों पर्चें वितरित किए। तीन दिवसीय हड़ताल से पहले प्रदेश के सभी पालिका, परिषद व निगमों के कर्मचारी 29 जून को 12 घंटे की भूख हड़ताल करेगें तथा छह व सात जुलाई को सभी शहरों में झाडू प्रदर्शन व 11 जुलाई को सभी शहरों में मशाल जुलूस निकालकर एकजुटता जाहिर करेगें।
इस प्रदर्शन का नेतृत्व नगर पालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री, राज्य सचिव सुनील कुमार, नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के जिला के वरिष्ठ उपप्रधान गुरचरण खाण्डिया, सफाई कर्मचारी यूूनियन के प्रधान बलवीर सिंह बालगुहेर, सचिव सोमपाल झिझोटिया, वरिष्ठ उपप्रधान श्रीनंद ढकोलिया, कैशियर सुदेश कुमार, जितेन्द्र छाबड़ा, रघुबीर चौटाला सहित आदि नेताओं ने किया।
नगरपालिका कर्मचारी संघ, हरियाणा के राज्य प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने जनता को अपील करते हुए कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनावों के दौरान प्रदेश के पालिका, परिषदों व निगमों के कर्मचारियों सेे तीन वायदे किए थे लेकिन सरकार सत्ता में आने के बाद किए गए वायदों कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, कच्चे कर्मचारियों का वेतन 15 हजार रूपए करने व ठेका प्रथा समाप्त करने की बजाय ठेका प्रथा को तेज गति से लागू कर रही है। समाज में सबसे निचले पायदान पर खड़े सफाई का कार्य करने वाले बाल्मीकि बिरादरी के नौजवानों, बुजुर्गों का ठेकेदार जमकर शोषण कर रहे है। वहीं सरकार भी प्रदेश के सफाई कर्मचारियों का स्वच्छता अभियान के नाम पर आर्थिक, शारीरिक व मानसिक शोषण कर रही है। उन्होंने कहा कि केवल सफाई कर्मचारियों के साथ खड़ा होकर फोटो खिंचवाने से स्वच्छता अभियान सफल नहीं हो सकता जब तब क्षेत्रफल आबादी के अनुपात में कर्मचारियों की भर्ती नहीं की जाएगी तथा सफाई करने के संसाधन उपलब्ध भी कराने होगें। वहीं प्रदेश के 80 शहरों से निकालने वाले सैकड़ों मैट्रिक टन कूड़े को डिस्पोज ऑफ नहीं किया जाएगा। तब तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्वच्छता अभियान हरियाणा भर में सफल नहीं हो सकता।