November 18, 2024

मुंडका अग्निकांड़ : सिविक एजेंसियों पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप, सियासी बयानबाजी हुई तेज

New Delhi/Alive News : मुंडका इलाके में हुए भीषण अग्निकांड़ में भी भ्रष्टाचार की बात सामने आयी है। लोगों का आरोप है कि यदि सिविक एजेंसियां अपना काम ठीक से करती तो शायद हादसे में इतने लोगों की जान नहीं जाती है। नियमों के अनुसार लाल डोरे की किसी भी जमीन पर कोई भी व्यवसायिक गतिविधि नहीं की जा सकती है।

मिली जानकारी के अनुसार मुंडका की इस इमारत में न तो लैंड यूज बदला गया था और न ही नगर निगम की ओर से इमारत को कोई लाइसेंस दिया था। सूत्रों का कहना है कि 2019 में सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने बिल्डिंग को सील करने के आदेश दिए थे। आरोपी ने निगम अधिकारियों से मिलीभगत कर इस बिल्डिंग को दोबारा डीसील करवा लिया था।

मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच के बाद पुलिस को पता चला है कि मनीष लाकड़ा के पिता बलजीत लाकड़ा ने वर्ष 2011 में इस इमारत की जगह को खरीदा था। बाद में इस पर निर्माण करा दिया गया। लेकिन यह जगह लाल डोरे की थी। इस पर किसी भी तरह की व्यवसायिक गतिविधियां नहीं हो सकती थीं।

इसके बावजूद वहां पर व्यवसायिक गतिविधियां जारी रहीं। वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी ने छानबीन के बाद बिल्डिंग को सील करने का आदेश दे दिया। नगर निगम ने इमारत को सील भी कर दिया। इसके बाद भी आरोपी मनीष ने जुगाड़ लगाकर कुछ ही समय बाद जुर्माना भरने के बाद बिल्डिंग को डीसील करवा दिया।

आम आदमी पार्टी के निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने मुंडका आग के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि मुंडका में लगी भीषण आग में मारे गए 27 मासूमों की मौत की भाजपा शासित निगम जिम्मेदार है। 2016 में निगम ने सभी नियमों को ताक पर रखते हुए फैक्ट्री लाइसेंस जारी किया था।