May 4, 2024

एनएचपीसी और बीएसएचपीसी का समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर सम्पन्न

Faridabad/Alive News: एनएचपीसी लिमिटेड और बिहार स्टेट हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के बीच 130.1 मेगावाट की डागमारा जलविद्युत परियोजना, जिला सुपौल, बिहार के कार्यान्वयन के लिए एक समझौता ज्ञापन पर आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हस्ताक्षर किए गए हैं।

इस अवसर पर आर. के. सिंह राज्य मंत्री विद्युत और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा व राज्य कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री, भारत सरकार तथा बिजेन्द्र प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री, बिहार सरकार की गरिमामय उपस्थिति में हस्ताक्षरकर्ताओं द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए और इसका आदान-प्रदान किया गया।

इस समझौता ज्ञापन पर एनएचपीसी की ओर से बिश्वजीत बासु, एनएचपीसी द्वारा जबकि बिहार सरकार की ओर से आलोक कुमार, प्रबंध निदेशक, बीएसएचपीसी ने इस दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए। आलोक कुमार, सचिव, भारत सरकार, संजीव हंस, सचिव (ऊर्जा), बिहार सरकार, तन्मय कुमार, संयुक्त सचिव, एमओपी, भारत सरकार और एनएचपीसी से ए.के. सिंह, सीएमडी, एन.के. जैन, निदेशक (कार्मिक), वाई.के. चौबे, निदेशक (तकनीकी), आर.पी. गोयल, निदेशक (वित्त), बिश्वजीत बासु , निदेशक (परियोजनाएं) और ए.के. श्रीवास्तव, सीवीओ, भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

इस अवसर पर बोलते हुए आर.के. सिंह विद्युत और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा एवं राज्य कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री, भारत सरकार ने परियोजना को शुरू करने में त्वरित प्रतिक्रिया और सहयोग के लिए एनएचपीसी को धन्यवाद दिया। उन्होंने आगे कहा कि जलवायु परिवर्तन की पृष्ठभूमि में और भविष्य की पीढ़ी के लिए जीवाश्म से गैर-जीवाश्म ईंधन में परिवर्तन के उद्देश्य को पूरा करने में जल विद्युत बहुत महत्वपूर्ण है।

ए.के. सिंह, सीएमडी, एनएचपीसी ने कहा, “डागमारा जलविद्युत परियोजना बिहार के विद्युत क्षेत्र के परिदृश्य में एक ऐतिहासिक परियोजना होगी जहां तक हरित ऊर्जा का संबंध है। 130.1 मेगावाट की डागमारा जलविद्युत परियोजना, बिहार की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजना, एनएचपीसी द्वारा स्वामित्व के आधार पर कार्यान्वित की जानी है।

एनएचपीसी विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के तहत जलविद्युत के क्षेत्र में भारत की एक श्रेणी-ए मिनीरत्न कंपनी है। वर्तमान में, एनएचपीसी के पास 24 संचालित विद्युत स्टेशन हैं, जिनकी कुल संस्थापित क्षमता 7071 मेगावाट है। एनएचपीसी पारंपरिक और गैर-पारंपरिक स्रोतों के माध्यम से विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में एक प्रमुख कंपनी के रूप में उभरी है।