Faridabad/Alive News : श्री सिद्धदाता आश्रम के अधिष्ठाता श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य महाराज की माता अशरफी देवी की द्वितीय पुण्यतिथि सादगी के साथ मनाई गई। वह आश्रम के संस्थापक वैकुंठवासी स्वामी सुदर्शनाचार्य जी महाराज की भार्या थीं। उन्हें भक्तजन गुरुमाता कहकर बुलाते थे।
आज सुबह से ही भक्तों का यहां तांता लग गया था। स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने समाधि स्थल पर लगे माताजी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और उसके बाद सत्संग भवन में भी उनके चित्र पर उनको याद कर पूजन किया। स्वामी जी ने कहा कि माता की कमी संसार के रत्न भी पूरी नहीं कर सकते हैं। मां सब संसार में आनंद की खान हैं, वह दुखों के इस संसार में सुख की छाया हैं, वह सब संबंधोंमें श्रेष्ठ मातृत्व प्रदान करने वाली और सभी संबंधों का मार्ग प्रशस्त करने वाली संबंध हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में कुछ भी करना लेकिन मां को दुखी मत करना। संसार मां को भी बहकाने का प्रयास कर सकता है लेकिन पुत्र को नहीं बहकना चाहिए क्योंकि यह संसार आपके नाम से ही आपकी मां को पहचानने वाला है।
इस अवसर पर काफी भक्तों ने यहां माता के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और कल्याण की कामना की। वहीं सभी ने प्रसाद एवं भोजन प्रसाद भी ग्रहण किया।