New Delhi/Alive News : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस सीवी सिरपुरकर की सिंगल बेंच ने अंडरवल्र्ड डॉन अबू सलेम की प्रेमिका रहीं सिने तारिका फौजिया उस्मान उर्फ मोनिका बेदी की अर्जी खारिज कर दी। इस अर्जी के जरिये 10 साल के लिए पासपोर्ट जारी करने की अनुमति चाही गई थी। हाई कोर्ट ने साफ किया है कि यह मामला बेहद गंभीर है, क्योंकि पासपोर्ट जारी करवाने के लिए फर्जी दस्तावेजं, झूठे नाम और गलत सूचनाओं का इस्तेमाल किया गया था।
कोर्ट ने कहा कि यह भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि हाई कोर्ट ने इस सिलसिले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की थी। चूंकि यह मामला पिछले एक दशक से विचाराधीन है, इसलिए अब इसे अंतिम रूप से सुना जाएगा और मेरिट पर निर्णय सुनाया जाएगा। मालूम हो, फर्जी पासपोर्ट कांड की जानकारी होने पर भोपाल के कोहेफिजा थाने में मोनिका बेदी के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई थी। आरोप था कि उसने स्वयं को सलेम की पत्नी बताकर फौजिया उस्मान के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया था।
भोपाल की अदालत ने 16 जुलाई 2007 को मोनिका बेदी को बरी कर दिया था। इसके बाद अपीलेट कोर्ट ने भी छह सितंबर 2007 को पारित आदेश में मोनिका बेदी की दोषमुक्ति पर मुहर लगा दी थी। लिहाजा, हाई कोर्ट ने 2007 में ही इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू कर दी। इसी बीच सरकार ने भी अधीनस्थ अदालतों के फैसलों के खिलाफ हाई कोर्ट में पुनरीक्षण याचिकाएं दायर कर दीं।
विदेश जाना पड़ता है
सुप्रीम कोर्ट से मोनिका का पक्ष रखने आए वरिष्ठ अधिवक्ता अवि सिंह ने दलील दी कि सभी गवाहों के बयान और साक्ष्यों पर गौर करने के बाद ट्रायल कोर्ट ने मोनिका को बरी किया था। मोनिका अभिनेत्री है और उसे शूटिंग के सिलसिले में विदेश जाना पड़ता है, अत: पासपोर्ट की अनुमति अपेक्षित है।