Chandigarh/Alive News: स्कूल स्तर पर ही बच्चों के कौशल विकास का मॉडल तैयार हो गया है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की ओर से तैयार प्रारूप के अनुसार प्रथम चरण में छठी से आठवीं कक्षा तक कौशल शिक्षा की पढ़ाई कराई जाएगी। 10 जिलों में अगले सत्र से अभिनव कौशल विश्वविद्यालय शुरू हो जाएंगे। अभिनव कौशल विश्वविद्यालय में पढ़ाई का तरीका अलग होगा।
विशेष शिक्षा पद्धति से विद्यार्थियों को कौशल और तकनीक के साथ-साथ इस तरीके से तैयार किया जाएगा कि वह उच्चतर शिक्षा में भी व्यवसायिक विषयों का अध्ययन कर स्वयं को उद्योगों और कॉर्पोरेट को मांग के हिसाब से खुद को तैयार कर सकें। विद्यार्थियों का श्रवण कौशल भाषण कौशल वाचन कौशल और लेखन कौशल विकसित करने के अलावा उन्हें संख्यात्मक चिंतन के लिए तैयार किया जाएगा। स्कूलिंग इस तरीके से होंगे कि विद्यार्थी की निर्णय निर्माण की क्षमता और कल्पनाशीलता को विकसित किया जा सके।
क्लास एक्टिविटी से लेकर लाइव एक्टिविटी और प्रोजेक्ट आधारित शिक्षा इन्नोवेटिव स्कूल की शिक्षा विधि को अन्य स्कूल से अलग और अधिक उपयोगी बनाएंगे। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति रास नेहरू ने अभिनव कौशल विद्यालयों की पूरी योजना रचना तैयार की है।
उन्होंने कहा कि है इसको देश में स्किल एजुकेशन की नर्सरी साबित होंगे। इन्नोवेटिव स्कूल स्कूल के माध्यम से नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क के अनुसार नई पीढ़ी कौशल औपचारिक शिक्षा के साथ साथ धारण करेंगे। इन स्कूलों के माध्यम से केजी टो पीजी तक स्किल एजुकेशन का मॉडल सकार किया जा सकेगा।