November 18, 2024

सीमा त्रिखा की विधायकी भी खतरे में!

चारों विधायक लाभ के पद पर थे। हर महीने संसदीय सचिव को ढाई लाख से ज्यादा सैलरी व अन्य सुविधाए दी गई। इसके अलावा ऑफिस, घर, गाडी, सुरक्षा व स्टाफ दिया गया था। मंत्रियों की तरह ग्रीविंस मीटिंग में जाते रहे। अब तक इन पर 10 करोड़ रूपये इनकी सुविधाओ पर खर्च हुए। ये पैसा इनसे रिकवर किया जाये।

Chandigarh/ Alive News : हरियाणा के 4 पूर्व सीपीएस की विधानसभा सदस्यता खतरे में! पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद हरियाणा के 4 मुख्य संसदीय सचिवों को इस्तीफा देना पड़ा। अब डर यह सताने लगा है कि इन मुख्य संसदीय सचिवों को कहीं विधानसभा की सदस्यता से ही हाथ धोना पड़ जाए। आम आदमी पार्टी की मानें, तो इस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवीन जैन जय हिंद ने कुछ ऐसा ही दावा किया है।

हरियाणा के 4 पूर्व सीपीएस की विधानसभा सदस्यता खतरे में!
आज आम आदमी पार्टी हरियाणा प्रदेशाध्यक्ष नवीन जयहिंद ने यहां प्रेस वार्ता में बताया कि माननीय हाईकोर्ट द्वारा संसदीय सचिवो को हटाया गया है। जिसमे हटाते हुए कहा है कि चारों विधायक लाभ का पद (ऑफिस ऑफ़ प्रॉफिट) पर थे। जिसमें संसदीय सचिवो को 37 हजार रुपये महिना से ज्यादा भुगतान किया गया । मुख्यमंत्री ने 1 करोड़ 75 लाख स्वेच्छिक ग्रांट जारी की। जबकि विधायको को ऐसी कोई ग्रांट नही मिलती।

ढाई लाख से ज्यादा सैलरी व अन्य सुविधाए

उन्होंने कहा कि हर महीने संसदीय सचिव को ढाई लाख से ज्यादा सैलरी व अन्य सुविधाए दी गई। इसके अलावा ऑफिस,घर ,गाडी, सुरक्षा व स्टाफ दिया गया था। मंत्रियों की तरह ग्रीविंस मीटिंग में जाते रहे। अब तक इन पर 10 करोड़ रूपये इनकी सुविधाओ पर खर्च हुए है। ये पैसा इनसे रिकवर किया जाये। क्योकि ये जनता के टैक्स का पैसा है। चारों संसदिय सचिवों पर लिए गये फैसले की पुर्न समीक्षा हो।
अनुच्छेद 191 के अनुसार ये विधायक खतरे में

नवीन जयहिंद ने बताया कि हम सारे सबूत दस्तावेजो के साथ दे रहे है। जिसमे भारत के संविधान के अनुच्छेद 191 के अनुसार लाभ का पद सम्भाल रहे विधायको की सदयस्ता रदद होती है।हरियाणा विधानसभा की वेबसाइट पर एंटी-डीफेक्शन लॉ में साफ-साफ लिखा है की लाभ के पद पर होने से विधायक की सदस्यता रदद होती है। इससे पहले कलकता हाई कोर्ट और अन्य हाई कोर्टों ने समय समय पर सदस्यता रद्द की है।

कानून के आधार पर इनकी सदस्यता रदद होगी

जयहिंद ने कहा कि नैतिकता के आधार पर इन चारों बर्खास्त हुए संसदीय सचिवों को अपनी विधायकी से इस्तीफा दे दना चाहिए या मुख्यमंत्री को इनसे इस्तीफा लेना चाहिए। क्योंकि कानून के आधार पर इनकी सदस्यता रदद होगी। जयहिंद ने कहा कि सरकार को भी पता है कि इनकी सदस्यता रदद होगी इसलिए सरकार सुप्रीमकोर्ट में नही जा रही। हमने राष्ट्रपति और मुख्य चुनाव आयोग को इनकी विधायकी सदस्यता रदद करने के लिए पत्र लिखा है।

हाईकोर्ट में जाएंगे

उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग जल्द ही इनकी विधायकी सदस्यता रदद नही करता है। तो हम हरियाणा हाईकोर्ट में फिर से इनकी विधायकी सदस्यता रदद करने के लिए जायंगे। आम आदमी पार्टी पुरे प्रदेश में इनकी सदस्यता रदद करवाने के लिए आन्दोलन करेगी। बीजेपी के 47 विधायक है। इनकी सदस्यता रदद होने पर सिर्फ 43 विधायक रहेंगे। जिससे इनकी सरकार निर्दलियों के कंधो पर चलेगी।
चौटाला और हूड्डा क्यों चुप हैं

नवीन जयहिंद कहा कि इतने बड़े और गंभीर मामले पर अभय चौटाला, भूपेंदर सिंह हूड्डा और अशोक तंवर की चुप्पी संदिग्ध लग रही है । चौटाला और हूड्डा बीजेपी के तोते सीबीआई के डर से चुप है।

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