Faridabad/Alive News: एनआइटी कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने निजी अस्पतालों में कोरोना मरीज के इलाज के नाम पर चल रही लूट का मुद्दा जिला स्तरीय सलाहकार समिति में उठाया है।
परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केंद्रीय राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर, राज्य सरकार की तरफ से नियुक्त जिला प्रभारी अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल, जिला उपायुक्त यशपाल यादव सहित जिला के अन्य चुने हुए प्रतिनिधि और प्रमुख विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
नीरज शर्मा ने एनआइटी पांच नंबर स्थित डी.एम. नामक निजी अस्पताल द्वारा एक कोरोना संक्रमित मरीज से चार दिन के इलाज की वसूली राशि का विवरण रखते हुए सवाल खड़े किए है। नीरज शर्मा ने डी.एम.अस्पताल द्वारा मरीज को दी गई बिल की प्रति वर्चुअल मीटिंग में रखते हुए बताया कि मरीज से अस्पताल प्रबंधन ने कुल 1,47,675 रुपये वसूले।
इसका विवरण देते हुए नीरज ने बताया कि मरीज से आइसीयू बेड के 11 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 44 हजार रुपये, आइसीयू डाक्टर विजिट के 16 हजार रुपये, छाती रोग विशेषज्ञ के 10 हजार रुपये, नर्सिंग स्टाफ के आठ हजार रुपये, देखरेख (मानिटरिंग) के आठ हजार रुपये, मेडिसिन के 35 हजार रुपये, ऑक्सीजन के 10 हजार रुपये तथा चार दिन के 1200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 4800 रुपये खाने के लिए हैं। मेडिसन के 35 हजार रुपये में 12 हजार रुपये पीपीई किट और एक हजार रुपये दस्ताने के हैं।
नीरज शर्मा ने इस मरीज के बिल में अंकित इन मदों पर सवाल उठाते हुए कहा कि आइसीयू बेड का मतलब क्या है? उन्होंने इस मामले पर जिला उपायुक्त को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग की तथा जिला स्तरीय निगरानी कमेटी से अपील की है कि निजी अस्पतालों में वसूल की गई राशि का आडिट करवाया जाए। विधायक ने याद दिलाया कि यह मुद्दा वे सबसे पहले 30 अप्रैल को उठा चुके हैं। तब उन्होंने सीएमओ और जिला उपायुक्त को पत्र लिखा था।
उन्होंने कहा कि अभी तक किसी भी निजी अस्पताल ने इलाज शुल्क के बोर्ड नहीं लगाए हैं। यदि अस्पतालों के पास इसके लिए समय नहीं है तो जिला प्रशासन उनकी टीम पंडित जी को अनुमति दे। टीम पंडित जी की तरफ से निशुल्क सभी अस्पतालों के लिए रेट लिस्ट के बोर्ड बनवाकर लगवा दिए जाएंगे।