Fatehabad/Alive News : जिले के सरकारी स्कूलों में इन दिनों उधार की खिचड़ी बन रही है। स्कूलों को पिछले करीब दो माह से मिड डे मील का बजट नहीं मिला है। ऐसे में दुकानों से उधार में राशन खरीदकर मिड-डे मील तैयार किया जा रहा है। कुछ समय तक तो स्कूल मुखिया उधार में राशन खरीद कर काम चलाते रहे, लेकिन कई स्कूलों में अब ऐसी स्थित पैदा हो गई है कि दुकानदार उधार देने से भी मना कर रहे हैं। ऐसे में मिड डे मील पर संकट पैदा हो गया है। सरकार द्वारा पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों के लिए मिड डे मील योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत स्कूली बच्चों को दोपहर का भोजन निशुल्क उपलब्ध करवाया जाता है। मिड डे मील के लिए स्कूलों को लाखों रुपये का बजट आता है, लेकिन दो माह से मिड डे मील का बजट नहीं मिला है। ऐसे में मिड डे मील पर संकट पैदा हो गया है।
शिक्षा विभाग की तरफ से हर तीन माह का मिड डे मील बजट स्कूलों को जारी किया जाता है। इस बार जनवरी माह में तीन महीने का बजट जारी होना था लेकिन अभी तक जारी नहीं हुआ है। शिक्षा विभाग स्कूलों से डिमांड भी ले चुका है लेकिन उसके बावजूद अभी तक स्कूलों को बजट नहीं मिला है। अधिकारियों का कहना है कि ट्रैजरी में बिल रूके हुए हैं इसी वजह से देरी हो रही है।
ये है जिले में स्कूलों की स्थिति
स्कूल—-संख्या—-विद्यार्थी
प्राइमरी—386—-44632
मिडिल—84——-28332
प्रति छात्र 4 से 6 रुपये तक मिलता है बजट
शिक्षा विभाग की तरफ से स्कूलों को गेहूं व चावल उपलब्ध करवाया जाता है। इसके अलावा अन्य खर्चो के लिए अलग से बजट जारी किया जाता है। जिसमें ईंधन, मसाले व अन्य खर्चे शामिल हैं। कक्षा पहली से पांचवीं तक के प्रति विद्यार्थी को 4 रुपये 13 पैसे तथा कक्षा छठी से आठवीं तक के प्रति विद्यार्थी को 6 रुपये 18 पैसे के हिसाब से बजट जारी किया जाता है।हमारी तरफ से बजट जारी हो चुका है, ट्रैजरी में किस वजह से बिल रूके हुए हैं इस बारे में संबंधित कर्मचारी से जानकारी ली जाएगी। जल्द ही बजट जारी करवा दिया जाएगा-संगीता बिश्नोई, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी फतेहाबाद ।
स्कूलों को हर तीन माह का बजट मिड डे मील का जारी किया जाता है लेकिन अभी दो माह बीतने के बाद भी बजट नहीं पहुंचा है। स्कूल शिक्षक दुकानों से उधार लाकर काम चला रहे हैं। शिक्षकों को अपने जेब से भी रुपये देने पड़ रहे हैं। कई स्कूलों में स्थिति और भी खराब है जहां पर बच्चों की संख्या ज्यादा है- विकास टुटेजा, जिला प्रधान, प्राथमिक शिक्षक संघ फतेहाबाद।
दूध देने का सपना नहीं हो सका सच
अप्रैल माह में फ्लेवर दूध देने की घोषणा हुई थी, लेकिन अभी तक यह सपना-सपना ही बना हुआ है। पूरा साल में अभी तक दूध को लेकर ट्रेनिंग का दौर ही चल रहा है। अभी भी ये ही कहा जा रहा है कि अप्रैल माह के नए सत्र से सप्ताह में तीन दिन विद्यार्थी को दूध मिलेगा। शिक्षकों का कहना है कि विभाग मिड डे मील का बजट समय पर उपलब्ध करवा नहीं पा रहा है।