November 24, 2024

लंपी वायरस : कई जिलों में धारा 144 लागू, पशुओं के ट्रांसपोर्टेशन पर भी लगी रोक

Chandigarh/Alive News : हरियाणा में लंपी बीमारी की रोकथाम के लिए संबंधित जिले के उपायुक्तों ने धारा 144 लागू करने के साथ पशुओं को एक जिले से दूसरे जिले में ले जाने और बिक्री पर भी पूरी तरह रोक लगा दी है। वहीं मुख्य सचिव संजीव कौशल ने शनिवार को सभी उपायुक्तों और प्रदेश के अधिकारियों के साथ बैठक कर युद्ध स्तर पर टीकाकरण के आदेश दिए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार 60 फीसदी टीकाकरण हो चुका है। सोमवार तक प्रदेश में 100 फीसदी टीकाकरण हो जाएगा। इसके बाद पांच लाख डोज और उपलब्ध हो जाएंगी। उन्होंने निर्देश दिए कि संक्रमित पशुओं को किसी अन्य सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए अतिरिक्त स्थान का चयन जल्द किया जाए, ताकि स्वस्थ पशुओं में इस बीमारी का प्रभाव न पड़े। कौशल ने अधिकारियों को वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये आदेश दिए कि बीमारी के कारण भय का माहौल पैदा न होने दें।

जानकारी के मुताबिक प्रदेश के 8 जिले के पशु इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। पिलहाल प्रदेश में 30225 पशु संक्रमित हैं। इसके अलावा मुख्य सचिव ने कहा कि मृत पशुओं का निस्तारण पशुपालन विभाग द्वारा तय तरीके से किया जाए। इसके लिए 8 से 10 फुट का गड्ढा खोद कर पशुओं को दबाएं। संक्रमित पशुओं के शव को खुले में न छोड़ें।

मुख्य सचिव ने कहा कि पशुओं में वैक्सीनेशन करने के लिए गो-सेवा आयोग व गो-रक्षकों का सहयोग भी लिया जाए। इसके अलावा लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार के विद्यार्थियों आदि का सहयोग लिया जाए।
विशेषज्ञों के मुताबिक यह रोग जानवरों से इंसानों में नहीं फैलता है, इसलिए बिना किसी डर के अपने जानवरों की देखभाल करें। प्रभावित जानवरों को अन्य जानवरों से अलग करें।

मुख्य सचिव ने बताया कि सबसे अधिक 8 जिले यमुनानगर, अंबाला, करनाल, सिरसा, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, कैथल और पंचकूला प्रभावित हुए हैं। अभी तक 2419 गांवों में 30225 पशु संकमित हुए हैं। इनमें से 16939 पशु स्वस्थ हो चुके हैं और 211 की मृत्यु हुई है। वर्तमान में 13265 सक्रिय मामले हैं। प्रदेश में 19 लाख 32 हजार पशुधन हैं। इनका टीकाकरण किया जाएगा।

जानकारी पोर्टल पर अपडेट करें
अधिकारियों को प्रभावित पशुओं का डाटा हर रोज अपडेट करने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा जिन पशुओं की मौत हो रही है, उसका आंकड़ा भी तत्काल अपडेट करने को कहा गया है। साथ ही, वैक्सीनेशन की उपलब्धता और मांग की जानकारी भी पोर्टल पर रोजाना अपडेट की जाए।