December 25, 2024

लंपी वायरस बना चुनौती : पशुपालन विभाग के पास नही है संक्रमित पशुओं का रिकॉर्ड

Faridabad/Alive News : हरियाणा में लंपी डिजीज वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। इस समय हरियाणा के फरीदाबाद जिले में बेला, घुड़ासन, कोराली और चंदावली गांव लंपी वायरस का हॉटस्पॉट बने हुए है। इन गावों में हजारों पशु लंपी डिजीज वायरस संक्रमित है। जबकि कोराली गांव में इस वायरस से अब तक एक पशु की मौत हुई है।

दरअसल, लंपी त्वचा रोग पशुओं के लिए लाइलाज बीमारी बनकर सामने आ रही है। इस बीमारी का खासा असर गोवंश में देखने को मिल रहा है। इस बीमारी से संक्रमित पशुओं के शरीर पर फफोले पड़ने के साथ बुखार की शिकायत सामने आ रही है। जिसके कारण पशुओं ने दूध देना कम कर दिया है। फिलहाल फरीदाबाद में इस बीमारी से दर्जनों पशु संक्रमित है। पशुओं में बढ़ती लंपी वायरस ने स्वास्थ्य विभाग की भी चिंता बढ़ा दी है।

विभाग के पास नही है संक्रमित पशुओं का रिकॉर्ड
जिले में लंबी वायरस का कहर जारी है। लेकिन पशुपालन विभाग के अधिकारियों के पास अब तक संक्रमित पशुओं का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। लेकिन अब जिले में बीमारी बढ़ने के साथ पशु पालन विभाग के अधिकारी जागे है और गांव गांव जाकर संक्रमित पशुओं का ब्यौरा एकत्रित करने में लगे हुए है।

पशु चिकित्सालयों में डॉक्टर, स्टाफ की कमी
जिले के लगभग सभी गांव के पशु चिकित्सालयों में डॉक्टरों और स्टाफो की भारी कमी है। गांव के चिकित्सालयों में कम से कम 24 डॉक्टरों की जरूरत है। लेकिन अभी केवल 17 डॉक्टर ही मौजूद है। वहीं चिकित्सालयों में 68 स्टाफ की जरूरत है जबकि अभी केवल 24 स्टाफ ही मौजूद है। इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है की गांव के चिकित्सालयों में स्टाफ और डॉक्टरों की काफी कमी है। ऐसे में पशुओं में फैलती लंपी वायरस ग्रामीणों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।

पशुओं का होगा टीकाकरण
जानकारी के अनुसार लंपी वायरस संक्रमित पशुओं का प्रत्येक गांव से सही डाटा एकत्रित किया जा रहा है। फिलहाल टीकाकरण के कुछ सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे गए है। आंकड़े एकत्रित होने के साथ और सैंपल जांच की रिपोर्ट आने के बाद पशुओं का जल्द टीकाकरण शुरू किया जाएगा। सरकार ने विभाग को पशुओं के टीकाकरण के लिए दवाईयों का स्टॉक भेज दिया है।

संक्रमित पशुओं के लिए नहीं बना अलग स्थान
जिले के किसी भी गांव में पशुपालन विभाग द्वारा संक्रमित पशुओं के लिए कोई अलग स्थान चिन्हित करके नहीं बनाया गया है। ग्रामीणों में इसको लेकर भी डर बना हुआ है कि संक्रमित पशुओं की वजह से जो ठीक पशु है वह भी कहीं संक्रमित न हो जाए। इसके अलावा ग्रामीण सुभाष का कहना है कि विभाग द्वारा कोई सार्वजनिक नंबर भी जारी नही किया गया है कि गांव में यदि पशुओं को इलाज नही मिल पाया तो वह कहां और किस व्यक्ति को संपर्क करें।

क्या कहना है अधिकारी का
जिले के कोराली गांव में सबसे ज्यादा पशु संक्रमित मिले है। लेकिन इससे ग्रामीणों को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। गूगल पर पशुपालन विभाग का नंबर उपलब्ध है। ग्रामीण वहां संपर्क कर सकते है। गांव के पशु चिकित्सालयों में डॉक्टर और स्टाफ की कमी है। इस समस्या से हमने केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर को अवगत कराया है।

  • डॉ. विनोद दहिया, एसडीओ पशुपालन विभाग फरीदाबाद।