May 4, 2024

अहंकार में आकर विवेक त्यागने से सदा विनाश होता है : कृष्णपाल गुर्जर

Faridabad/Alive News : जिला प्रशासन द्वारा स्थानीय सैक्टर-12 स्थित हुडा कन्वेंशन सैन्टर में आयोजित किए जा रहे तीन दिवसीय जिलास्तरीय गीता जयन्ती महोत्सव के अन्तर्गत आज दूसरे दिन गीतासार पर आधारित सेमीनार का आयोजन किया गया। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर तथा बल्लबगढ़ के विधायक मूलचन्द शर्मा ने इस संगोष्ठी में संयुक्त रूप से बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने विधिवत दीपशिखा प्रज्जवलित करके संगोष्ठी का शुभारम्भ किया। इससे पूर्व उन्होंने इस परिसर में लगाई गई प्रदर्शनी का भी दौरा व अवलोकन किया।
संगोष्ठी में कुल सात वक्ताओं ने गीतासार पर आधारित विचार रखे। इनमें हरियाणा संस्कृत विद्यापीठ बघौला के सेवानिवृत प्राचार्य डा. सतीश चन्द शर्मा ने आधुनिक युग में गीता की प्रासंगिकता व उपयोगिता, इस्कॉन से सर्वसाक्षी दास ने गीता व आधुनिक समाज, बृहमाकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय से बी.के. पूनम ने गीता द्वारा कर्मयोगी जीवन, सनातन संस्था से संदीप कौर ने गीता के व्यक्तिगत प्रभाव, आर्य समाज से सुरेश शास्त्री ने गीता में यज्ञ विधान, इस्कॉन से गोपेश्वर दास ने श्रीमद्भागवत गीता की शिक्षाएं तथा विश्व हिन्दू परिषद से डा. शंकर लाल सारस्वत ने गीता में भक्ति योग विषय पर उद्बोधन दिया।
कृष्णपाल गुर्जर ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि हम कर्म के सिद्धान्त को कर्म योग के रूप में अपनाएं। अच्छाई व बुराई का अन्तर देख कर ही निर्णय लें। इन्सान का विवेक गाड़ी के ब्रेक के समान होता है। दुर्योधन ने अहंकार में आकर विवेक त्यागा तो उसका विनाश हुआ। यह बुराई का ही परिणाम है कि आज दुर्योधन, कंस व रावण जैसे दम्भी व अहंकारियों के नाम भी किसी व्यक्ति के नहीं रखे जाते। गुर्जर ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने धर्मक्षेत्र कुरूक्षेत्र से भी बाहर निकलकर सभी जिलों के अलावा दर्जनों देशों में भी अन्तर्राष्ट्रीय गीता जयन्ती उत्सव की शुरूआत करके सराहनीय कार्य किया है।
मूलचन्द शर्मा ने कहा कि श्रीमद्भागवत गीता का मूल मंत्र है कि कर्म करो-फल की चिन्ता मत करो हर इन्सान के लिए जीवन दर्शक के समान है। हमें अपने जीवन में सच्चे मन से लक्ष्य का निर्धारण करके उसकी प्राप्ति का अटूट प्रयास करना चाहिए और अच्छा क्या है, बुरा क्या है का ख्याल सदैव मन में रख कर चलना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से निश्चित रूप से भगवान कृष्ण द्वारा दिए गए गीता सार का लाभ हासिल हो सकता है। उपायुक्त चन्द्रशेखर ने मुख्य अतिथियों का स्वागत व्यक्त करते हुए कहा कि हम श्रीमद्भागवत गीता के ज्ञान को अपना कर सफलता व सच्चाई की राह पर अग्रसर हो सकते हैं। उन्होंने संगोष्ठी में पधारे सभी वक्ताओं का भी स्वागत एवं आभार प्रकट किया।
मुख्य अतिथि गुर्जर व शर्मा तथा उपायुक्त ने सभी वक्ताओं को शॉल व स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया। चन्द्रशेखर ने कृष्णपाल गुर्जर व  मूलचन्द शर्मा को स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया। इस अवसर पर फरीदाबाद नगर निगमायुक्त सोनल गोयल, अतिरिक्त उपायुक्त जितेन्द्र दहिया, संगोष्ठी कार्यक्रम के नोडल अधिकारी व नगर निगम एनआईटी जोन के संयुक्तायुक्त भारत भूषण गोगिया, नगर निगम पुराना फरीदाबाद जोन के संयुक्तायुक्त महाबीर प्रसाद व बल्लबगढ़ जोन के संयुक्तायुक्त अमरदीप जैन, जिला परिषद के अध्यक्ष विनोद चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा, पूर्व अध्यक्ष अजय गौड़, भाजपा महिला मोर्चा की जिलाध्यक्षा अनीता शर्मा, पूर्व अध्यक्षा किरण सौरोत, भाजपा नेता हुकम सिंह भाटी, अमित मिश्रा, उमेश भाटी, एडवोकेट प्रकाशवीर नागर, डा0 आर.एन. सिंह, मदन पुजारा, बृजलाल शर्मा, सोहनपाल, नारायण शर्मा व सीमा भारद्वाज सहित जिला प्रशासन के कई अन्य अधिकारी, धार्मिक सामाजिक, गैर सरकारी एवं समाजसेवी संगठनों के प्रतिनिधि एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।