New Delhi/Alive News: भारत भी G20 शिखर सम्मलेन के लिए तैयार है बताया जा रहा है कि 8 से 11 सितम्बर तक दिल्ली की रफ्तार एक बार फिर से थम जाएगी। जिसकी वजह से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 8 से 11 सितम्बर से छूट्टी का निर्देश जारी कर दिया है। ऐसे में दिल्ली सरकार और एमसीजी के सभी दफ्तर भी बंद रहेंगे।
दिल्ली सरकार द्वारा जारी आदेश के अनुसार, राजधानी में 8 से 10 सितंबर तक यानी तीन दिनोंतक सभी स्कूल बंद रहेंगे. इसका मतलब है कि सरकारी स्कूलों के साथ दिल्ली के सभी प्राइवेट स्कूल भी बंद रहेंगे. दरअसल, दिल्ली पुलिस ने जी 20 शिखर सम्मेलन के मद्देनजर 18 अगस्त को सीएम अरविंद केजरीवाल के समक्ष एक प्रस्ताव भेजा था, जिसमें 8 से 10 सितंबर तक राजधानी में सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की गई थी. मुख्य सचिव ने यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री केजरीवाल के समक्ष रखा था, जिसे उन्होंनेन्हों नेमंजूरी दे दी
G-20 का गठन 1999 में हुआ था। तब ये वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों का संगठन हुआ करता था। इसका पहला सम्मेलन दिसंबर 1999 में जर्मनी की राजधानी बर्लिन में हुआ था। 2008-2009 में दुनिया में भयानक मंदी आई थी। इस मंदी के बाद इस संगठन में बदलाव हुए और इसे शीर्ष नेताओं के संगठन में तब्दील कर दिया गया।
2008 में अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में इसकी समिट हुई थी. 2009 और 2010 में साल में दो बार G-20 समिट का आयोजन होता था। 2009 में लंदन और पिट्सबर्ग में, जबकि 2010 में टोरंटो और सियोल में इसका आयोजन हुआ. 2011 के बाद से ये साल में एक बार ही होती है।
G-20 के सदस्यों में भारत के अलावा अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, साउथ अफ्रीका, तुर्की, यूके, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं।
दुनिया की 80 फीसदी जीडीपी और 75 फीसदी कारोबार G-20 के देशों में ही होता है. इतना ही नहीं, हीं दुनिया की दो-तिहाई आबादी भी इन्हीं देशों में रहती है. बता दें कि G-20 का कोई स्थायी अध्यक्ष नहीं है। जिस सदस्य देश के पास इसकी अध्यक्षता होती है, वही समिट का आयोजन करता है. 1 दिसंबर 2022 से भारत के इसका अध्यक्ष है. भारत नवंबर 2023 तक G-20 का अध्यक्ष रहेगा.