Faridabad/Alive News : जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के साहित्य और भाषा विभाग द्वारा आयोजित वेबिनार श्रृंखला में आज साहित्य और संस्कृति में विवादास्पद मुद्दे विषय पर एक व्याख्यान का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय दिल्ली में प्रोफेसर तथा भाषाई न्याय और लुप्तप्राय भाषा केंद्र, के निदेशक प्रो. प्रसन्नान्शु विशेषज्ञ वक्ता रहे, जिन्होंने कानून, साहित्य और भाषा पर व्याख्यान दिया। अपने व्याख्यान के दौरान, उन्होंने सिसेरो से लेकर शेक्सपियर, फ्योडोर दोस्तोवस्की और फ्रांज काफ्का तक के लेखकों के बारे में जानकारी दी। वेबिनार में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रो. प्रसन्नान्शु ने शेक्सपियर के नाटकों और पुराने तमिल ग्रंथों का आधुनिक न्यायशास्त्र और वर्तमान मानव अधिकारों के निर्माण के दृष्टिकोण से विश्लेषण किया।
उन्होंने बताया कि कानून हर जगह लागू होता है और हर दिन हम कानूनों से बंधे होते हैं, फिर चाहे वह दैवीय कानून हो या गुरुत्वाकर्षण का नियम। सत्र के दौरान विद्यार्थियों ने छात्रों से संवाद भी किया। इससे पहले विभाग के अध्यक्ष प्रो. अतुल मिश्रा ने फैकल्टी द्वारा नियोजित की जा रही डिजिटल मानविकी परियोजना के तहत फोरेंसिक भाषा विज्ञान से संबंधित कुछ कार्यक्रमों को विकसित करने पर विचार रखे।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ. दिव्यज्योति सिंह ने इस प्रस्ताव का स्वागत किया और कहा कि विभाग सत्र के सार को बहुविषयक शिक्षा परियोजनाओं में बदलने का प्रयास करेगा। सत्र का समापन ममता बंसल के धन्यवाद प्रस्ताव रखा तथा प्रश्नोत्तरी सत्र के विजेताओं की घोषणा की।