Sirsa/Alive News: हरियाणा की दस लोकसभा सीटों में सिरसा भी शुमार है. इस सीट पर कांग्रेस ने कब्जा कर लिया है. वोटों की पहली पेटी खुलने के बाद से ही कुमारी सैलजा का जलवा रहा. इस सीट पर उनके खिलाफ भाजपा के नेता अशोक तंवर लड़ रहे थे. कांग्रेस की कुमारी सैलजा 2 लाख से अधिक वोटों से (1:44 बजे तक) आगे चल रही थीं. बता दें कि यह लोकसभा सीट 1962 में अस्तित्व में आई थी. इस सीट पर ज्यादातर कांग्रेस का कब्जा रहा है. हालांकि, साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में यहां से उसे यहां पहली बार जीत मिली थी. इस सीट पर अबतक 16 बार चुनाव हुए है, जिसमें 9 बार कांग्रेस ने जीत हासिल की. सिरसा हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और आईएनएलडी के अध्यक्ष ओमप्रकाश चौटाला का गृह क्षेत्र है. सिरसा सीट इनेलो का गढ़ मानी जाती है.
इससे पहले भाजपा की सुनीता दुग्गल यहां से सांसद थीं, लेकिन भाजपा ने उनका टिकट काट दिया और कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से होते हुए भाजपा में शामिल हुए अशोक तंवर को मैदान में उतारा है. अशोक तंवर 2009 में कांग्रेस की टिकट पर यहां से चुनाव जीत चुके हैं. हालांकि, 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी की सुनीता दुग्गल ने कांग्रेस के अशोक तंवर को 3,09,918 वोटों से हराया था. सुनीता दुग्गल को 7,14,351 वोट मिले थे जबकि तंवर को 404,433 वोट मिले थे.
गौरतलब है कि सिरसा में कांग्रेस की तरफ से कुमारी शैलजा को मैदान में उतारा गया है. कुमारी शैलजा सिरसा लोकसभा सीट से पहले भी दो बार सांसद रह चुकी है और उनके पिता भी चौधरी दलबीर सिंह सिरसा में कांग्रेस के बड़े नेता रहे हैं. भाजपा ने अशोक तंवर को मैदान में उतार कर दांव खेला है. अशोक तंवर कांग्रेस पृष्ठभूमि के ही व्यक्ति हैं. 2019 में सिरसा लोकसभा सीट से अशोक तंवर ने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था, जबकि अबकी बार बीजेपी की टिकट पर वह मैदान में है.
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