November 19, 2024

गणेश चतुर्थी पर जानें व्रत का महत्व और पूजा विधि

हिंदू धर्म में गणेश पूजा का विशेष महत्व है। गणेश पूजा गणेश चतुर्थी को की जाती है। हिंदी पंचांग के अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह गणेश चतुर्थी 10 सितंबर को पड़ रही है। इस दिन गणेश पूजा के लिए गणपति की स्थापना की जायेगी। भक्त गण गणपति की पूजा के लिए गणेश भगवान की मूर्ति स्थापित करके उनकी पूजा करते हैं और भगवान श्रीगणेश का जन्मोत्सव मनाते हैं। यह गणेशोत्सव चतुर्दशी तिथि तक चलता है। 

गणेश चतुर्थी व्रत का महत्व
गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश के साथ संपूर्ण शिव परिवार की पूजा करना इस दिन उत्तम माना गया है। पंचांग के अनुसार इस बार गणेश चतुर्थी 10 सिंतबर दिन वीरवार को पद पौराणिक कथाओं के अनुसार गणेश जी को प्रथम देवता का दर्जा प्राप्त है। इसीलिए शुभ और मांगलिक कार्य को करने से पूर्व भगवान गणेश जी की स्तुति और स्मरण किया जाता है। गणेश जी रिद्धि, सिद्धि के भी दाता हैं। भाद्रपद मास में पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व बताया गया है।
गणेश चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा करने से पाप ग्रह केतु और बुध ग्रह की अशुभता भी दूर होती है। ज्योतिष शास्त्र में बुध को वाणी, वाणिज्य, व्यापार, लेखन, कानून और केतु को मोक्ष आदि का कारक माना गया है। इन ग्रहों के अशुभ होने पर धन, व्यापार, करियर और शिक्षा आदि के क्षेत्र में दिक्कतों को का सामना करना पड़ता है।

पूजा विधि
गणेश चतुर्थी तिथि की प्रात: स्नान करने के बाद पूजा प्रारंभ करें। व्रत का संकल्प लेने के बाद पूजा आरंभ करें। भगवान गणेश को फल, मिष्ठान, दूर्वा घास, पंच मेवा आदि समर्पित करें। मोदक का भोग लगाएं। गणेश चतुर्थी का व्रत सूर्योदय के समय से लेकर चंद्रमा उदय होने के समय तक व्रत रखा जाता है।