New Delhi/Alive News : मकर संक्रान्ति के अवसर पर कई राज्यों में लोग रंग-बिरंगी पतंग को उड़ाकर मकर संक्रान्ति का पर्व मनाते है। लेकिन इस बार आकाश तले, मन के बादलों को छू लेने वाली रंग-बिरंगी पतंग को उड़ाना भारी पड़ सकता है। मनमर्जी के अनुसार पतंग उड़ाना आपको सलाखों के पीछे पहुंचा सकता है।
आज आप लोगों को जानकर हैरानी होगी कि देश में पतंग उड़ाना गैर-कानूनी है। हमारे देश में पतंगबाजी करना न केवल गैर-कानूनी बल्कि ऐसा करने पर दो साल की सजा और 10 लाख रुपये का जुर्माने का भी प्रावधान है। यह हास्यास्पद तो है लेकिन 100 फीसदी सच है। इसके लिए देश में कानून भी बना हुआ है।
जी, हां। भारत में पतंगबाजी करना गैर-कानूनी है। ऐसा देश में लागू इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के कारण है। इस कानून में देश में पतंग और गुब्बारे आदि उड़ाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। 1934 के भारतीय विमान अधिनियम के अनुसार भारत में पतंग उड़ाना अवैध है, जिसे 2008 में संशोधित किया गया था। धारा 11 अपराधियों को दो साल की कैद, 10 लाख रुपये का जुर्माना या जेल और जुर्माना देने की अनुमति देती है। हालांकि, पतंगबाजी के शौकीन लोगों के लिए लाइसेंस का प्रावधान भी किया गया है। इस लाइसेंस के प्राप्त होने पर पतंग उड़ाने की अनुमति है।
1934 के भारतीय विमान अधिनियम यानी इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 की धारा 11 में कहा गया है कि जो कोई भी जानबूझकर एक विमान को इस तरह से उड़ाता है जिससे किसी व्यक्ति को या जमीन या पानी या हवा में किसी भी संपत्ति को खतरा हो, उसे एक वर्ष की अवधि के लिए कारावास की सजा दी जा सकती है। इसे एक साल तक और बढ़ाया जा सकता है यानी दो साल जेल, या जुर्माना जो 10 लाख रुपये तक हो सकता है, या दोनों दंड साथ में दिए जा सकते हैं। इस अधिनियम को 2008 में बरकरार रखा गया था और स्वीकार्य जेल समय और जुर्माने की राशि में वृद्धि के साथ संशोधित किया गया था।
इंडियन एयरक्राफ्ट एक्ट 1934 के अनुसार, एक विमान कोई भी मशीन या ऐसा उपकरण होता है जो वायुमंडलीय दबाव द्वारा समर्थित होता है। इसमें फिक्स्ड और फ्री गुब्बारे, ग्लाइडर, पतंग, एयरशिप और फ्लाइंग मशीन आदि शामिल हैं। इस श्रेणी में हम ड्रोन और लालटेन को भी शामिल कर सकते हैं। हालांकि, इस कानून का अमल कहां और किस प्रकार से किया जा रहा है, इस बारे में कुछ भी कहना मुश्किल है। क्योंकि पतंग तो सभी उड़ाते हैं, लेकिन सबको तो जेल में नहीं डाला जाता।