December 25, 2024

DAV सैक्टर-37 में खो-खो नेशनल कोचिंग कैम्प का आयोजन

Poonam Chauhan/Alive News
फरीदाबाद : ग्लेमर से दूर खो-खो एक ऐसा गेम है जिससे मुझे और मेरे संस्थान को सामीप्य महसुस होता है, और पिछले 10 सालो से हमारे खिलाड़ी खो-खो में भाग ले रहे है और हर प्रतियोगिता में अच्छा अवार्ड प्राप्त कर स्कूल को गौरवान्ति कर रहे है। हमारा प्रेम खो-खो और साथ ही खेल अधिकारियों के साथ बना हुआ है, उक्त वाक्य डी.ए.वी. सैक्टर-37 की प्रिंसीपल नीलम गांधी ने एक प्रैस वार्ता के दौरान पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहे।

उन्होंने बताया कि खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्वाधान में थर्ड खो-खो चैंपियनशीप 2016 का आयोजन मध्य प्रदेश के इंदौर में 8 से लेकर 10 अप्रैल तक आयोजित किया जा रहा है। इंदौर में होने वाले खो-खो चैंपियनशीप में महिला खिलाडिय़ों के सलेक्शन के लिए स्कूल में 10 दिवसीय नेशनल कोचिंग कैम्प का आयोजन किया गया है। जिसमें खिलाडिय़ों के परर्फोमेंस के अनुसार सलेक्शन कमेटी द्वारा 15 खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि स्कूल सदैव से ही लड़कियों की शिक्षा और उनकी जागरूकता को लेकर एक्टिव रहा है, इसीलिए लड़कियों के खो-खो कैम्प का आयोजन स्कूल परिसर में किया गया है। केकेएफआई, रेफरी बोर्ड के अध्यक्ष एम.एस.त्यागी ने बताया कि खो-खो प्रतियोगिता में इंडिया, नेपाल, साउथ कोरिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, बंगलादेश, सिंगापुर, थाईलैंड, भूटान और मलेशिया के खिलाड़ी भाग ले रहे है। उन्होंने बताया कि नेशनल कोचिंग कैम्प के लिए सुमित भाटिया को इंडियन महिला टीम का कोच बनाया गया है।

वहीं ऑल ऑवर इंडिया से 25 खिलाड़ी नेशनल कोचिंग कैम्प में भाग ले रहे है जिसमें से उनकी खेल परर्फोमेंस के आधार पर 15 खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा, जोकि फाईनल में भाग लेंगे। इंडियन खो-खो महिला टीम के कोच सुमित भाटिया ने बताया कि खो-खो में स्टेमिना और एनर्जी की बहुत जरूरत होती है साथ ही यह बाकी गेम्स से अलग है इसमें खिलाड़ी एक बार के खेल में ही कम से कम 4 किलो.मी. तक दौड़ लगा लेता है। खो-खो तेजी से लोकप्रियता प्राप्त करने वाला गेम्स है, जोकि खिलाडिय़ों की पहली पसन्द है। उन्होंने बताया कि खो-खो सचिन तेंदुलकर और भी कई खिलाड़ी खेल चुके है।