नई दिल्ली/कोलकाता : इन्टॉलरेंस का मुद्दा उठाने वाली कांग्रेस पर अनुपम खेर ने एक बार फिर निशाना साधा है। कोलकाता में एक मीडिया ग्रुप के डिबेट फोरम पर बोलते हुए उन्होंने राहुल गांधी पर जमकर हमला किया। इन्टॉलरेंस पर विरोध के दौरान सरकार के सपोर्ट में मार्च निकालने वाले खेर ने कहा, ”सबसे ज्यादा टॉलरेंट तो कांग्रेस है, वे (कांग्रेसी) एक ऐसे शख्स को टॉलरेट कर रहे हैं, जो खुद को पीएम प्रोजेक्ट करने में लगा है और वे आपस में कह भी नहीं सकते कि कहां फंस गए।”
मार्केट किया गया है इन्टॉलरेंस वर्ड
– अनुपम ने कहा, ”आप में से किसी ने भी 8 महीने पहले इस शब्द को सुना था। ये मार्केट किया गया है।”
– उन्होंने कहा कि बुद्धजीवी, पैसे वाले और शैंपेन के साथ बात करने वाले इस शब्द का इस्तेमाल कर रहे हैं।
– ”ये हार जो हुई है उसका बदला लिया जा रहा है। पीएम पूरी मेजॉरिटी से जीते हैं, 282 सीट आईं। कैसे चायवाला पीएम बन गया। हमें तो गुलामी की आदत है।”
– ”दो साल से पीएम ने छुट्टी नहीं ली है। पर ये किसी को बर्दाश्त नहीं।”
– ”मैं उनकी वकालत नहीं करता। मेरी पत्नी किरण बीजेपी में हैं इसलिए बीजेपी की बात नहीं करता, 30 साल पहले शादी की थी। मुझे ऐसा करने की कोई जरूरत नहीं है।”
– ”आप ने एक ऐसे पीएम को बर्दाश्त किया जो दस साल चुप रहा। आज पीएम बाहर के मुल्क में जाकर न केवल अच्छा बोलते हैं बल्कि इंडिया के आइडिया के बारे में बात करते हैं। इसलिए ये वर्ड लाया गया।”
सरेआम मंच पर जस्टिस गांगुली को लगाई लताड़
– कोलकाता में टेलिग्राफ डिबेट ‘Tolerance is the new Intolerance’ में खेर ने अपनी बात रखी।
– करीब दस मिनट की स्पीच में अनुपम खेर ने मोदी सरकार पर इस मुद्दे को लेकर हुए एक-एक हमले का जवाब दिया।
– संसद हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु की फांसी पर सवाल उठाने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज अशोक गांगुली को भी खेर ने करारा जवाब दिया।
– कहा, ”एक जज होते हुए आप सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट को गलत कह रहे हैं। यह दुखद है कि जज होते हुए भी आप जो जेएनयू में हुआ, उसकी वकालत कर रहे हैं।”
– ”इन्टॉलरेंस तो वो था जब कुछ साल पहले आपके खिलाफ एक केस हुआ था और मीडिया आपके पीछे पड़ गई थी। तब आपने कुछ नहीं कहा था।”
– बता दें कि गांगुली पर एक इन्टर्न ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।
क्या था इन्टॉलरेंस का मुद्दा?
– यूपी के दादरी में गोमांस रखने के शक में एक शख्स की हत्या हुई। इससे पहले कन्नड़ लेखक कलबुर्गी का मर्डर हुआ।
– इसी के बाद इन्टॉलरेंस का मुद्दा भड़का। अवॉर्ड वापसी की शुरुआत हुई।
– कई लेखकों, फिल्मकारों और वैज्ञानिकों ने देश में बढ़ते इन्टॉलरेंस के माहौल के विरोध में पुरस्कार लौटा दिए।
– अनुपम खेर ने सरकार के सपोर्ट में दिल्ली में मार्च भी निकाला था।