Delhi/Alive News :हिन्दू धर्म मे रक्षाबंधन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है। रक्षाबंधन का पर्व सावन मास के आखरी दिन यानी पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार रक्षाबंधन 30 अगस्त को है, लेकिन एक बात का ध्यान रखना है कि भद्रा काल में बहनें अपने भाई को टीका लगाकर रक्षा सूत्र नहीं बांधेंगी और भद्राकाल रात 9:02 बजे तक रहेगा। भाई-बहन के अटूट बंधन के प्रतीक रक्षाबंधन को भद्राकाल में न मनाने का भी कारण है, जिसे जानना जरूरी है। भद्रा के समय कोई भी बांडिंग वाला कार्य नहीं किया जा सकता है। भद्रा अलग और विध्वंस करने का तत्व हैं और रक्षाबंधन नाम के अनुसार बांधने यानि जुड़ने का दिन है, इसलिए सदैव यह ध्यान रखा जाता है कि भद्रा में बहनें अपने भाइयों को राखी नहीं बांधती हैं।
राखी खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
राखी खरीदते समय यह ध्यान रखें कि उसमें काले रंग का प्रयोग कतई न हो।आज के मॉर्डन युग में नए-नए तरीके की हाईटेक राखियां आ गई हैं, उनको बांधने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन साथ में सूती रक्षा सूत्र अवश्य बांधे। बहनें यदि किन्हीं कारणों से रक्षा सूत्र लेना भूल गयी हैं तो कलावा भी बांध सकती हैं।
गिफ्ट
बहनों से तिलक एवं राखी बंधाते समय भाइयों को खाली हाथ नहीं रहना चाहिए. बहन के लिए उपहार एवं धन अवश्य रखना चाहिए. यह त्योहार है बहन के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित करने का।उसके मन में अज्ञात भय को सकारात्मक प्रकाश से भरने का।
मिठाई
भाई के लिए मिठाई का चुनाव करते समय ध्यान रखें कि मिठाई में कठोरता यानी हार्डनेस न हो. मिठाई में रस हो, ताकि बहन-भाई के बीच में प्रेम रस कभी कम न हो। रक्षासूत्र की तरह ही मिठाई में भी काले व भूरे रंग से बचना चाहिए. जैसे कालाजाम और चॉकलेट आदि. परंपरागत और सांस्कारिक मिठाई जैसे लड्डू, दूध की बर्फी , केसरिया बर्फी, स्पंज, रसमलाई आदि दे सकते हैं।