Faridabad/Alive News : अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल फरीदाबाद ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव को ईएसआई मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सभागार में मजदूरों की समस्याओं का ज्ञापन सौंपा।
इस मौके पर एटक के महासचिव बेचू गिरी, सीटू की तरफ से वीरेंद्र सिंह डंगवाल, एचएमएस के एसडी त्यागी विशेष रूप से उपस्थित रहे। जॉइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल के पदाधिकारियों ने मंत्री को दो अलग-अलग ज्ञापन दिए। पहले ज्ञापन में उन्होंने बताया कि फरीदाबाद सबसे पुराना औद्योगिक शहर है। यहां पर छोटे-बड़े कारखाने बड़ी संख्या में है। इन में कार्यरत मजदूरों की संख्या दूसरे शहरों की तुलना में ज्यादा है। लेकिन इनके हितों की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार के कानून नहीं बनाए जाते हैं।
उनका मानना है कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अपनाई जा रही मजदूर विरोधी नीतियों इसके लिए पूर्ण रूप से जिम्मेदार हैं। कोरोना काल के बाद भी फरीदाबाद के श्रम विभाग के कार्यालयों में अधिकारियों और कर्मचारियों के अधिकांश पद रिक्त हैं। उनको सरकार के द्वारा भरा नहीं जाता है। परिणाम स्वरूप जिन कारखानों में रेगुलर वर्कर कम है और कच्चा तथा ठेकेदार का वर्कर ज्यादा है। सरकार की नीतियों की वजह से जब मजदूरों को मालिक परेशान करते हैं। तो उनकी सुनवाई तक नहीं होती है। क्योंकि लेबर डिपार्टमेंट में कर्मचारी और अधिकारी मिलते ही नहीं है।
इसलिए ज्वाइंट ट्रेड यूनियन काउंसिल मांग करती है कि चार श्रमिक विरोधी लेबर कोड्स रद्द किए जाए, न्यूनतम वेतन ₹24000 देने, बेरोजगारी पर रोक लगाने, सभी निर्माण मजदूरों का पंजीकरण करने, भट्ठा मजदूरों को संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के सभी लाभ देने, समान काम के लिए समान वेतन देने, सभी कंपनी प्रबंधकों को मजदूरों का ई पीएफ और ईएसआई की राशि को काटकर जमा करवाना सुनिश्चित करें के अलावा पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल करने और 1995 में पेंशन धारकों के लिए बनाई गई नीति को फिर से संशोधित कर कंपनी से रिटायर मजदूरों की पेंशन को 3 गुना बढ़ाने की मांग की।
इसके अलावा ईएसआई के अंतर्गत मिलने वाली पेंशन में जिस प्रकार मृतक कर्मचारी की बच्चे की आय की सीमा 25 साल या नौकरी जो पहले हो तय की गई है उसी प्रकार चिकित्सा के लिए और मेडिकल की पढ़ाई के लिए भी इसे 21 साल से बढ़ाकर 25 साल किया जाए। जो कर्मचारी धारा 60 और 61 के तहत ग्रुप के 120 जमा कर अपने तथा अपने पत्नी के लिए इलाज की सुविधा प्राप्त करते हैं उन कर्मचारियों को सीमित नहीं बल्कि प्राइमरी सेकेंडरी और सुपर स्पेशलिटी और अति विशिष्ट चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। राज्य सरकार द्वारा प्रतिदिन अंकित व्यक्ति खर्च की सीमा बढ़ाकर 3000 रुपए प्रति वर्ष की जाए जैसा कि कॉरपोरेशन ने खर्च सीमा तय की है। राज्य में बढ़ रहे ईएसआई का दायरा और विमा कित श्रमिकों संख्या को देखते हुए यहां आस-पास में 3000 की मांग किस श्रमिक हैं।
उस क्षेत्र में ईएसआई के अंतर्गत डिस्पेंसरी खोली जाए और सभी डिस्पेंसरी में डॉक्टर और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की जाए ताकि मरीजों को गुणवत्ता वाली चिकित्सा और अन्य सुविधाएं मिल सकें। डिस्पेंसरी में और पुलिस के निर्देश के अनुसार सभी आठ प्रकार की बुनियादी पैथोलॉजिकल टेस्ट की सुविधा मरीजों को उपलब्ध करवाई जाए। ताकि इन बुनियादी टेस्ट के लिए मरीजों को अस्पताल के चक्कर नहीं काटने पड़े। काउंसिल ने ईएसआई मेडिकल कॉलेज अस्पताल फरीदाबाद में कैंसर जैसी अन्य रोगों की अति विशिष्ट चिकित्सा हेतु संसाधन उपलब्ध करवाने और इसके साथ-साथ इसमें नर्सिंग कॉलेज को शुरू करने की मांग भी की है।
इसके साथ-साथ काउंसिल नही पलवल और होडल और हथीन जैसे क्षेत्रों में हो रहे औद्योगिककरण को देखते हुए इनमें 100 बिस्तरों का अस्पताल और डिस्पेंसरी खोलने की मांग की है। इस मौके पर हिंद मजदूर सभा के आर.डी यादव, राजपाल डांगी भी उपस्थित रहे।