Faridabad/Alive News: अकादमिक एवं औद्योगिक संबंधों को मजबूत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद ने आईएमटी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन फरीदाबाद (आईआईएएफ) के साथ समझौता किया है। इस साझेदारी का उद्देश्य औद्योगिक चुनौतियों के लिए नवीन तकनीकी समाधान प्रदान करने के साथ-साथ सहयोगात्मक कंसल्टेंसी और शोध परियोजनाओं को सुविधाजनक बनाना है।
आईआईएएफ, जो आईएमटी फरीदाबाद और आसपास के क्षेत्रों में सदस्य उद्योगों के प्रतिनिधि निकाय के रूप में कार्य करता है, अकादमिक ज्ञान और उद्योग की जरूरतों के बीच अंतर को कम करने के लिए जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम करेगा। समझौता ज्ञापन पर जे.सी. बोस विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. मेहा शर्मा और आईआईएएफ के अध्यक्ष प्रमोद राणा ने हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर डॉ. मनीषा गर्ग, निदेशक (आरएंडडी), उपनिदेशक डाॅ. राजीव साहा, कंप्यूटर इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष प्रो. अतुल मिश्रा, सहभागिता एवं उद्योग संपर्क मामलों की प्रभारी डॉ. रश्मी पोपली और आईआईएएफ की महासचिव रश्मी सिंह उपस्थित थीं। औद्योगिक जरूरतों के अनुरूप अकादमिक शिक्षा को प्रोत्साहित करने के महत्व पर बल देते हुए कुलपति प्रो. सुशील कुमार तोमर ने कहा कि तेजी से बदल रही प्रौद्योगिकी के युग में यह जरूरी है कि छात्रों को उद्योग की जरूरतों के अनुरूप व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो।
उन्होंने समझौते के क्रियान्वयन पर बल देते हुए कहा कि इस साझेदारी से छात्रों तथा संकाय सदस्यों को औद्योगिक चुनौतियों पर काम करने का अवसर मिलेगा और उनका कौशल विकास होगा। आईआईएएफ के अध्यक्ष प्रमोद राणा ने कहा कि जे.सी. बोस विश्वविद्यालय और आईआईएएफ के बीच साझेदारी शिक्षा और उद्योग दोनों के लिए महत्वपूर्ण है। इससे शैक्षणिक विशेषज्ञता का लाभ उद्योग क्षेत्र को मिलेगा। समझौते के माध्यम से नवाचार, अनुसंधान और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा, जिससे औद्योगिक क्षेत्र लाभान्वित होगा।