New Delhi/Alive News : शुक्रवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि भारतीय जेलों और निरोध केंद्र में 307 पाकिस्तानी कैदी बंद हैं। इसमें मछुआरे भी शामिल हैं और इनमें से 56 कैदियों की सजा पूरी हो चुकी है लेकिन उन्हें इस्लामाबाद ने अपना नागरिक मानने से मना कर दिया है। कोर्ट में दिए अपने हलफनामे में गृह मंत्रालय ने उन कैदियों का विवरण दिया है जिनकी सजा पूरी हो चुकी हैं और उन आरोपों को निराधार बताया है जिसमें कहा जा रहा था कि वह कैदियों को पाकिस्तान वापस भेजने के लिए कदम नहीं उठा रहा है।
सरकार ने कहा कि वह समय-समय पर पाकिस्तान सरकार के साथ बात कर रहा है जिससे उनके स्वदेश लौटने के लिए मार्ग प्रशस्त किया जा सके। हालांकि सरकार का कहना है कि जिनकी सजा पूरी हो चुकी है उन्हें छोड़ा नहीं जा सकता क्योंकि इससे राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा पैदा हो सकता है। अपने हलफनामे में सरकार ने कहा- 56 लोग जो पाकिस्तानी नागरिक हैं, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है और जिनके खिलाफ राज्य सरकार ने कोई अपराध रजिस्टर नहीं किया है वो जेलों और निरोध केंद्र में कैद हैं।
सरकार का कहना है कि यह 56 लोग वह हैं जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि अब तक पाकिस्तान सरकार ने नहीं की है। इसलिए वह अब तक वापस नहीं लौटे हैं। जैसे ही उनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि हो जाएगी उन्हें वापस भेज दिया जाएगा। हालांकि राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इनकी रिहाई ना करने का सुझाव दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट साल 2005 से इस मामले पर अपनी नजर बनाए हुए है और उनकी समय पर रिहाई के साथ ही वतन वापसी के लिए कई निर्देश जारी कर चुका है।