November 16, 2024

“महंगाई का कहर: सब्जियों की कीमतें आसमान पर”

Faridabad/Alive News : भारत में महंगाई का कहर जारी है, जिससे आम आदमी की जीवनशैली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। खुदरा महंगाई दर में वृद्धि ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है और वे अपने भविष्य को लेकर आशंकित हैं। महंगाई की दर में इजाफा आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रहा है और उन्हें अपने खर्चों में कटौती करनी पड़ रही है।”

आम लोग खानेपीने की चीजें खरीदने और उपभोग करने में कितना सहज महसूस करते हैं,मगर पिछले कुछ वर्षों से बाजार में जरूरी वस्तुओं की महंगाई की जैसी हालत है,उसमें लोगों के लिए अपना दो वक्त का उचित भोजन जुटा पाना एक चुनौती बन गई है! खुदरा महंगाई दर पिछले महीने दर्ज किए गए 5 साल के निचले स्तर 3.65% से कहीं अधिक है। जुलाई के बाद पहली बार यह भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 4% के मध्यम अवधि के लक्ष्य को पार कर गई। पिछले कुछ महीने में खुदरा महंगाई उच्च स्तर और पहुंच गई है! इस पर काबू पाने के सरकारी दावों के बरक्स हकीकत क्या है,इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है।

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गौरतलब है कि बीते कुछ समय में रोजमर्रा की जरूरतों, खासकर खानेपीने की चीजों की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है। महंगाई के मोर्चे पर कभी थोक बाजार के आंकड़ों में राहत के संकेत दिखाए जाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि जरूरी चीजों की खुदरा कीमतों पर इसका शायद ही कोई बड़ा असर दिखता है! रोजगार और आय में कमी, इसके स्रोतों की अनिश्चितता या लंबे समय से स्थिरता की वजह से ज्यादातर लोगों के सामने खानेपीने के सामान की कीमतें चुनौती बन गई हैं और कुछ भी खरीदते हुए लोगों को अपनी क्रयशक्ति के बारे में सोचना पड़ता है।

हालात यह है कि बाजार में सब्जियों की कीमतें जिस तरह आसमान छू रही हैं,उसमें बहुत सारे लोगों के लिए जरूरत से काफी कम खरीदना मजबूरी हो गई है।यह स्थिति तब है जब खानेपीने की चीजों को प्राथमिकता देने के क्रम में लोग कई बार घरेलू या अन्य जरूरतों को पूरा करने का मामला टाल देते हैं। ऐसे में समझा जा सकता है कि अर्थव्यवस्था और विकास की चकाचौंध में कितने लोग अपनी जगह बना पा रहे होंगे।