भारत ने कूटनीतिक स्तर पाकिस्तान पर हमला तेज कर दिया है. जिनेवा स्थित ह्यूमन राइट्स काउंसिल में भारत ने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो अपने ही देश के लोगों पर हमला करवाता है, बलूचिस्तान में हो रहा अत्याचार इस बात को प्रमाणित करता है.
भारत ने तीन दिन के अंदर दूसरी बार बलूचिस्तान के मुद्दे को ह्यूमन राईट काउंसिल में उठाया है. ये बहुत ही बड़ी विडम्बना है कि पाकिस्तानी सरकार मानवाधिकार के बहाने आतकंवाद को बढ़ावा देता है. पिछले दो दशकों से पाकिस्तान आतंकवादियों को न सिर्फ अपने देश में शरण देता है बल्कि उसको फलने- फूलने में मदद कर रहा है. अब ऐसा लगता है धीरे-धीरे पाकिस्तान इसको अपने पॉलिसी में शामिल कर लिया है
हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर वानी के मारे जाने के बाद कश्मीर में जो अशांति फैली है उसके पीछे भी पाकिस्तान सरकार का हाथ है. भारत बलूचिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर के मुद्दे को यूएन एचआरसी में उठा कर दुनिया को दिखा दिया है कि वो दखल की अपनी पुरानी नीति को छोड़ चुका है. जब से मोदी सरकार ने बलूचिस्तान के मुद्दे को उठाया है. तब से पाकिस्तानी सेना बलूचियों पर कार्रवाई कर रही है.
अब्दुल नवाज बुगती का कहना है कि बलूचिस्तान के अलग-अलग स्थानों पर पाकिस्तानी सेना बलूचियों पर हमला कर रही है. अब तक 19 लाख बलूचियों जिसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल है. पाकिस्तानी सेना ने अगवा कर रखा है. भारत के समर्थन मिल जाने से बलूचियों को काफी बल मिला है. दुनिया को ये समझाने में बलूची हद तक सफल रहे हैं कि पाकिस्तानी सेना का अत्याचार कर रही है.