December 22, 2024

बढ़ती रोडरेज की घटनायें! कारण, रोकने के उपाय

Delhi/Alive News: कार में जरा सी टक्कर क्या लगी,कार चालक ने ऑटो ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या कर दी,3 अगस्त के समाचार पत्रों में फरीदाबाद की यह खबर पढ़कर बहुत दुःख हुआ। इससे पहले नोएडा में हुई एक घटना ने पूरे देश को दहला दिया था। वहां एक शख्स ने एक अनजान व्यक्ति को बड़ी बेरहमी से अपनी कार से कुचल दिया, सिर्फ इसलिए क्योंकि दोनों की कार गलती से आपस में टच हो गई थी। शुरुआत आपस में बहस से हुई जिसके बाद दूसरी कार में मौजूद चार में से एक शख्स ने दिवाकर मोटवानी नाम के व्यक्ति को अपनी कार से कुचल दिया।आजकल रोजाना ऐसी रोडरेज की घटनाओं में मारपीट व हत्या की खबरें अखबारों में पढ़ने को मिलती हैं। जब पढ़े-लिख समझदार लोग ऐसा करते हैं तो बहुत दुःख होता है। सड़क पर हुई छोटी-बड़ी घटनाओं के कारण होने वाले गुस्से,रोष व आक्रोश के कारण ऐसी घटनाएं हो रही हैं। कभी-कभी यह गुस्सा किसी शख्स पर इस कदर हावी हो जाता है कि वह दूसरे की जान ले लेता है। गुस्सा दिखाने की ऐसी घटनाएं दिन पर दिन आम होती जा रही हैं। लोगों का तनाव का स्तर बढ़ रहा है और वे जोर से चिल्लाते हैं और यहां तक ​​कि अपनी निराशा और क्रोध को छोड़ने के लिए शारीरिक बल का प्रयोग करते हैं।

ऐसा लगता है कि कुछ लोग सड़क पर बस अन्य लोगों के साथ शारीरिक या मौखिक लड़ाई में अपना तनाव छोड़ने के लिए ही जाते हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के डेटा के अनुसार 2016 में रोडरेज की घटनाओं का आंकड़ा 513 था। आठ साल बाद यह आंकड़ा हजारों में हो गया है। यह आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है क्योंकि इसमें सारे राज्यों के आंकड़े शामिल नहीं हैं। क्यों हो रही हैं रोडरेज की घटनाएं? इनका कारण जानना जरूरी है। गाड़ी चलाते-चलाते गुस्सा आना,मूड चिढ़ चिड़ा होना,अपने को दूसरे से ज्यादा बलशाली या ताकतवर दिखाना,शराब व नशा करके गाड़ी चलाना, संयम व धैर्य का ना होना रोडरेज की घटनाओं के कारण बन रहे हैं। घंटों लगा ट्रैफिक जाम भी रोडरेज का बड़ा कारण होता है। जब जाम खुलते ही लोग तेज़ी से गाड़ियां दौड़ाते हैं तब भी रोडरेज की घटनाएं हो जाती हैं। रोड पर लंबा ट्रैफिक हो,किसी को जरूरी काम से जल्दी पहुंचना है,ऐसे में ट्रैफिक में फंसे रहने की चिढ़ और आसपास लगातार बज रहे हॉर्न रोडरेज के कारण बनते हैं।

आपका मूड सबसे पहले रोड रेज का जिम्मेदार होता है। जब भी घर से निकलें, शांत भाव से निकलें,घर का तनाव सड़क पर जानलेवा साबित हो सकता है। बार-बार गलत दिशा से ओवरटेक करने वाले लोग इतना गुस्सा दिला देते हैं कि लोग तेज़ रफ्तार में गाड़ी चलाने पर और साइड न देने पर मजबूर हो जाते हैं। अगर आप पर काम का बोझ या रिश्तों का तनाव ज्यादा है तो उसका असर आपकी ड्राइविंग पर ज़रूर पड़ता है। इसलिए जब भी गाड़ी लेकर घर से निकलें अपने इष्ट देव का नाम लेकर दिमाग को शांत कर लें। अगर लंबे ट्रैफिक जाम में फंस गए हैं तो रास्ता साफ करने के लिए हो हल्ला करने की जगह शांत बैठें और दूसरी चीज़ों में मन लगाएं। अपने समय को इस तरह मैनेज करें कि सड़क पर जल्दबाजी की नौबत ही न आए। जब गुस्सा आए तो गाड़ी के एक्सीलेटर पर पैर दबाने से पहले माइंड डाइवर्ट करने की कोशिश करें। हो सके तो गाड़ी पार्क करके उतर जाएं। किसी दोस्त को फोन लगा लें या आसपास मौजूद किसी शॉप पर जाकर थोड़ा वक्त बिता लें।यह समझ लें कि आपके गुस्सा करने या चिल्लाने से स्थिति कतई ठीक नहीं होगी बल्कि इससे आपकी परेशानी बढ़ेगी। और रोडरेज की घटना को जन्म देगी। इसलिए व्यर्थ गुस्सा कर अपनी परेशानी न बढ़ाएं।अगर सड़क पर कोई व्यक्ति व्यर्थ में आपसे बहस कर रहा हो तो बहस को टालने की कोशिश करें। अगर वह बदतमीजी, गाली-गलौज व हिंसा पर उतारू हो तब भी चुप रहें,मौका देखकर तुरंत पुलिस की मदद लें।

अगर किसी छोटी-मोटी टक्कर से आपके वाहन का कोई मामूली नुकसान हुआ हो तो उसे लेकर बेकार झगड़ा न करें। आपका जीवन और मानसिक शांति उससे कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। सभी को एक विचारशील जागरूक चालक बनकर ट्रैफिक के सभी नियमों का पालन करना चाहिए। हॉर्न बजाने से पहले दो-चार बार सोचना चाहिए, कि कहीं हम बेवजह तो हार्न नहीं बजा रहे हैं ट्रैफिक जाम में फंसे होने पर हार्न बजाना बेवकूफी होगी। इससे आसपास कारों में बैठे व्यक्तियों के गुस्से व रोडरेज की घटना के शिकार हो सकते हैं।किसी को खतरनाक सबक सिखाने की तुलना में सुरक्षित रूप से घर पहुंचना अधिक महत्वपूर्ण है। रोडरेज की घटनाओं में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त कानून लागू करने की जरूरत है। रोडरेज़ से निपटने के लिए किसी भी सख्त कानून का अभाव ऐसे मामलों की बढ़ती संख्या के पीछे एक मुख्य कारण है। प्रशासन तभी कार्रवाई करता है जब रोड रेज़ के परिणामस्वरूप एक गंभीर अपराध हो जाता है। पुलिस द्वारा सड़कों पर बहस या शारीरिक झगड़े में लिप्त लोगों या एक दूसरे को मारने की धमकी को गंभीरता से नहीं लिया जाता है। उनके खिलाफ ज्यादा कार्रवाई नहीं की जाती है उन्हें सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया जाता है। रोडरेज़ जीवन के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है। ऐसे मामलों से गंभीरता से निपटा जाना चाहिए।