Faridabad/Alive News : फरीदाबाद में अवैध निर्माणों के कारण दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य धीमा पड़ गया है। एक्सप्रेसवे की राह में रोड़ा बने बाईपास के किनारे अवैध निर्माणों को अभी तक हटाया नहीं गया है। अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी एचएसवीपी की है। लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की ओर से अवैध निर्माणों पर होने वाली कार्रवाई स्थगित कर दी गई है। ऐसे में अब सितंबर में तोड़फोड़ किया जाएगा। इसके लिए विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब जब तक जगह खाली नहीं मिले, तब तक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) उसे टेकओवर नहीं करेगी। परियोजना की राह में आने वाली बाधाओं को देख एनएचएआई के अधिकारियों ने कुछ माह पूर्व केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को भी पत्र लिखा। इसके बाद मंत्रालय ने प्रदेश सरकार से मामले की रिपोर्ट मांगी थी। इसके बावजूद तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू नहीं हो सकी।
वहीं हाल में उच्च न्यायालय ने कोरोना के प्रकोप की वजह से अतिक्रमण हटाने पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ तीनों राज्यों को आदेश दिया है कि बैंक व वित्तीय संस्थानों द्वारा 31 अगस्त तक कोई भी प्रॉपर्टी को निलाम न किया जाए और साथ ही इस तिथि तक कोई अतिक्रमण हटाकर किसी को बेघर न किया जाए। हाईकोर्ट के आदेश के बाद एचएसवीपी ने अपनी तोड़फोड़ की कार्रवाई को तुरंत प्रभाव से स्थगित कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार पहला हिस्सा दिल्ली में डीएनडी फ्लाईओवर से शुरू होकर मीठापुर तक नौ किलोमीटर, दूसरा मीठापुर से बल्लभगढ़ में मलरेना पुल तक 24 किलोमीटर और तीसरा मलेरना पुल से सोहना तक 26 किलोमीटर होगा। एक्सप्रेसवे दिल्ली में डीएनडी फ्लाईओवर से शुरू होगा आगरा नहर के साथ-साथ सेक्टर-37 आकर बाईपास रोड से जुड़ना है। आगे बल्लभगढ़ में कैल गांव के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को पार करेगा और सोहना पहुंचेगा और कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा। वहां से वडोदरा व मुंबई एक्सप्रेसवे को लिंक कर दिया जाएगा। बाईपास को 12 लेन बनाने के लिए एनएचएआई अधिकारियों को फरीदाबाद में 26 किलोमीटर तक कुल 70 मीटर जगह चाहिए, जिसे खाली करने के लिए अवैध निर्माणों को तोड़ना जरूरी है। यह जमीन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को खाली करानी है।