November 23, 2024

बच्चों में दिख रहा है स्ट्रेस के लक्षण, तो ऐसे करें हैंडल

Lifestyle/Alive News: बचपन हर व्यक्ति के जीवन का सबसे सुंदर और यादगार समय होता है। बचपन के दिन अक्सर याद कर चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। हालांकि, अगर यही बचपन किसी बुरी याद या दौर से गुजरा हो, तो जीवनभर उसकी छाप मन में रह जाती है। बदलते समय के साथ आज के बच्चों का बचपन भी बदल चुका है। तेजी से बदलती तकनीक और सोच के एक तरफ फायदे हैं, तो साथ ही बहुत सारे नुकसान भी हैं। बच्चे पहले जैसे अब नेचर के साथ समय व्यतीत नहीं करते, वे बुक रीडिंग नहीं करते और न ही बहुत सोशल होते हैं।

ये सभी चीजें बच्चों के मेंटल हेल्थ को बुरी तरह प्रभावित करती हैं। दिनभर स्क्रीन के सामने समय बिताने की वजह से कई बार बच्चे तनाव का शिकार होने लगते हैं। बदलते दौर में बच्चे भी स्ट्रेस का शिकार होने लगे हैं। पिछले कुछ समय से बच्चों में भी स्ट्रेस एक आम समस्या बनती जा रही है। ऐसे में के मौके पर आज जानेंगे बच्चों में स्ट्रेस के लक्षण और इससे निटपने के तरीके-

ओवर सेंसिटिव
स्ट्रेस से पीड़ित बच्चे हमेशा रोने और सामान्य रहने की भावना के बीच फंसा हुआ महसूस करते हैं और छोटी सी बात पर भी तुरंत रो पड़ते हैं।

गुस्सैल और चिड़चिड़े
स्ट्रेस में होने पर बच्चे इस भावना को व्यक्त करने में असमर्थ होते हैं और मन में हो रही उलझन को अनावश्यक चिल्ला कर व्यक्त करते हैं। इन्हें गुस्सा भी जल्दी आता है।

अटेंशन की डिमांड
स्ट्रेस से पीड़िक बच्चे एक इंसिक्योरिटी में जीते हैं। यही कारण है कि खुद को सेफ महसूस कराने के लिए वे हर समय अटेंशन की डिमांड करते हैं। रोकर या चिल्लाकर वे अपनी तरफ सभी का ध्यान आकर्षित करते हैं।

कम सोशल होना
बात बर्थडे पार्टी में जाने की हो या किसी भी रूप में कहीं सोशल होने की हो, ये ऐसे मौके पर खुद को पीछे कर लेते हैं। परिवार, दोस्त या टीचर्स किसी से भी ये खुल कर बात करने में संकोच करते हैं।

डर
इनके अपने डर होते हैं, जिनमें से अधिकतर बेबुनियाद लग सकते हैं, पर ये उनके लिए एक बड़ा डर का मुद्दा हो सकता है। जैसे अंधेरे से डर, अकेले रहने से डर, नई जगह और नए लोगों से मिलने का डर आदि