Faridabad/Alive News : एक महीने बीतने के बाद भी स्कूलों में बांटी गई कक्षा छठी से लेकर आठवीं तक की हिंदी मिडियम में इंग्लिश की और इंग्लिश मिडियम में हिंदी की किताबों बदली नही गई है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।उधर प्राइवेट स्कूलों में सिलेबस कंपलीट होने के बाद रिवीजन शुरू हो चुका है और इन सरकारी स्कूलों में बच्चों को किताबें तक नहीं मिली है। ऐसे में भला “कैसे पड़ेंगे विद्यार्थी और अगली कक्षा में कैसे बढ़ेंगे विद्यार्थी”।
दरअसल, कोरोना के बाद और नया सत्र शुरू होने के लगभग चार माह बाद स्कूलों में बच्चों को किताबें नसीब हुई थी। लेकिन वह भी जिला शिक्षा के अधिकारीयों की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। उधर, स्कूल शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग अधिकारियों की लापरवाही का असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ रहा है। जो किताबें शिक्षा विभाग की ओर से बांटी गई है वह किताबें भी वह बच्चों को नहीं दे सकते। ऐसा करने से किताबों का सेट खराब होने का डर है।
क्या कहना है अधिकारी का
स्कूलों में बांटी गई गलत पुस्तकों को लेकर शिक्षा विभाग ने उन सभी स्कूलों की लिस्ट तैयार कर ली है। उन स्कूलों से किताबें वापस मंगवाई जायेंगी और सही किताबे स्कूलों को दी जाएंगी।
- मुनेश चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी।