स्तन कैंसर महिलाओं में एक गंभीर समस्या है लेकिन स्तनों में होने वाली गांठ की वजह चिंता व तनावग्रस्त होना भी हो सकता है। कम उम्र की महिलाओं के स्तनों में होने वाली गांठ की वजह कैंसर नहीं है। इस प्रकार की गांठ नॉन कैंसरस, संक्रमण या सिस्ट के कारण होती है।
मैमोग्राफी परीक्षणस्तन मांसपेशियों से जरिए सीने से जुड़े होते हैं। यह फैटी टिशू से बने होते हैं। कैंसर कई तरह के हो सकते हैं। इनमें डक्टल कारसिनोमा और लेबर कारसिनोमा के मरीजों का प्रतिशत सबसे अधिक है। डक्टल कारसिनोमा की उत्पत्ति दूध को निपल तक पहुंचाने वाली नलिकाओं से होती है, जबकि लेबर कारसिनोमा से पीडि़त रोगी आठ फीसदी मिलते हैं और इसकी उत्पत्ति दूध उत्पन्न करने वाली छोटी-छोटी नलिकाओं से होती है।
स्तनों में होने वाली गांठ के कई कारण हो सकते हैं, आइये जानते हैं उनके बारे में।
स्तनों में सूजन
स्तनों में सूजन की समस्या को फाइब्रोकाइसटिक बदलाव या फाइब्राडिनोसिस के नाम से जाना जाता है। मासिक धर्म के दौरान हार्मोन में बदलाव के कराण स्तनों में सूजन महसूस की जा सकती है। इस समय ज्यादातर महिलाओं को स्तनों में दर्द, सूजन व गांठ की शिकायत होती है। यह समस्याएं मासिक धर्म शुरु होने के एक हफ्ते पहले से शुरु होती हैं और मासिक धर्म शुरु होने पर अपने आप खत्म हो जाती है। यह समस्या तीस से पचास साल की उम्र की महिलाओं में सामान्य है।
फाइब्राडिनोमा
फाइब्राडिनोमा, स्तनों में होने वाली एक नॉन कैंसर गांठ हैं। यह सामान्यत: चालीस साल से कम उम्र की महिलाओं में पाया जाता है। स्तनों में ग्लैंड व ऊतकों की ज्यादा वृद्धि होने पर यह समस्या पैदा होती है। यह गांठ गोलाकार होती है और जब आप इसे दबाते हैं तो यह खिसक कर त्वचा के अंदर चली जाती है। इस तरह की गांठ में दर्द महसूस नहीं होता है।
सिस्ट
रजोनिवृति के दौरान महिलाओं के स्तनों में सिस्ट की समस्या हो सकती है। इस तरह की गांठ में द्रव्य भरा होता है। यह ओवल या गोलाकार गांठ होती जो कि छूने पर स्मूथ महसूस होती है। इसे दबाने पर यह अपनी जगह से थोड़ा सा खिसक जाती है। यह समस्या मासिक धर्म के दो हफ्ते पहले शुरु होती है और मासिक धर्म खत्म होने के साथ ही ठीक हो जाती है।
संक्रमण
स्तनों में गांठ संक्रमण के कारण भी हो सकता है। यह समस्या उन महिलाओं में ज्यादा होती है जो स्तनपान करवाती हैं। इसमें दुग्ध नलिकाएं ब्लॉक हो जाती हैं और बैक्टेरिया व कीटाणु निंपल को नुकसान पहुंचाते हैं। यह संक्रमण उन महिलाओं में भी हो सकता है जो स्तनपान नहीं करवाती हैं।
चोट के कारण
स्तनों के फैटी टिशू में किसी प्रकार की चोट या घाव के कारण गांठ की समस्या हो सकती है। इस तरह की गांठ सामान्यत: अपनेआप ठीक हो जाती है। अगर यह ठीक नहीं हो रही है तो इसे गांठ को हटवा भी सकते हैं।
स्तन कैंसर
स्तन में गांठ और दर्द हो तो उसे हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए क्योंकि स्तन का गांठ कैंसर भी हो सकता है। यदि शुरू में इसकी पहचान हो जाय तो इलाज संभव हैं। देर होने पर ही स्थिति गंभीर हो जाती है।
बेहतर होगा कि महिलाएं इनमें से किसी भी तरह की स्तन गांठ होने पर डॉक्टर से परामर्श करें। बाहर से ठीक से समझ न आने वाली गांठ कभी-कभी कोई बड़ी स्वास्थ्य समस्या भी बन सकती है।