May 19, 2024

अस्पतालों के बिल से मरीजों में बिलबिलाहट, दोषी अस्पतालों के खिलाफ नहीं हुई कोई कार्यवाही

Faridabad/Alive News: कोविड-19 के इलाज में प्राइवेट अस्पतालों द्वारा मचाई जा रही लूट व मनमानी के सबूत देने के बावजूद जिला प्रशासन ने अभी तक किसी भी दोषी अस्पताल के खिलाफ कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है। इससे उनके हौसले बुलंद हैं।

हरियाणा अभिभावक एकता मंच का का आरोप है कि सभी छोटे बड़े अस्पताल व नर्सिंग होम ने सरकार द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए निर्धारित किए गए रेट जिसमे साधारण बेड के 12 हजार तथा ऑक्सीजन बेड का 15 हजार है। आईसीयू वेंटिलेटर का 18 हजार पर इलाज नहीं किया है। इसकी जगह तिगनी, चौगुनी रकम मरीजों के परिजनों से वसूली है। मंच का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कई बार कहा है कि सरकार द्वारा लागू की गई दरों से ऊपर अगर कोई भी अस्पताल अधिक राशि लेता पाया गया तो वह दंड का अधिकारी होगा है।

अस्पतालों द्वारा अधिक राशि वसूलने के बिल सार्वजनिक हो रहे हैं उसके बावजूद राज्य व जिला प्रशासन ने किसी भी दोषी अस्पताल व नर्सिंग होम के खिलाफ कोई भी उचित कार्रवाई अभी तक नहीं की है। मंच का आरोप है कि जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन “चोर से कह चोरी कर, साह से कह सावधान रह ” की नीति अपनाए हुए हैं। वे सार्वजनिक तौर पर तो कहते हैं कि सरकार द्वारा निर्धारित किए गए रेट से अधिक पैसे वसूलने वाले अस्पतालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी लेकिन जब उनको लूट व मनमानी का सबूत दिखाया गया तो उन्होंने दोषी अस्पताल के खिलाफ कोई भी उचित कार्रवाई नहीं की है।

मंच के प्रदेश अध्यक्ष एडवोकेट ओपी शर्मा व प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि जनप्रतिनिधियों के इस रवैया को लेकर आम जनता में काफी रोष व नाराजगी है। मंच ने अब पीड़ित मरीजों व उनके परिजनों को न्याय दिलाने का बीड़ा उठाया है। मंच ने ऐसे सभी मरीजों व उनके परिजनों से, जिन्होंने पिछले 2 महीने में किसी भी प्राइवेट अस्पताल व नर्सिंग होम में कोविड-19 का इलाज कराया है उनसे इलाज के एवज में वसूले गए पैसे का पूरा बिल व डिस्चार्ज समरी व कुल कितना पैसा वसूला गया है।

उसके ब्योरे की साफ फोटो कॉपी अपने हस्ताक्षर, मोबाइल नंबर व घर के पते के साथ शीघ्र ही मंच के हेल्पलाइन नंबर 9810499060, 9810155058 पर उपलब्ध कराने को कहा है जिसके आधार पर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में प्राइवेट अस्पतालों की लूट और मनमानी को लेकर जनहित याचिका दायर की जा सके।