Faridabad/Alive News : श्री सिद्धदाता आश्रम में होली महोत्सव बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित प्रवचन में अनंतश्री विभूषित इंद्रप्रस्थ एवं हरियाणा पीठाधीश्वर श्रीमद जगदगुरु रामानुजाचार्य स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने कहा कि भौतिक पदार्थ चटनी के जैसे हैं जो बाद में नुकसान देते हैं। हालांकि चटनी भोजन के साथ लेने में नुकसान नहीं देती है। इसलिए भौतिक पदार्थों के साथ साथ परमात्मा की भक्ति रूपी भोजन भी आत्मा को दो।
यहां पर सुबह विशाल यज्ञ का आयोजन हुआ जिसमें पहले स्वामी श्री पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज के साथ भक्तों ने पूजन किया एवं समिधा डाली। इसके बाद सभी ने यज्ञ में समिधा डाली। इससे पूर्व स्वामी जी ने संस्थापक स्वामी की समाधि एवं मंदिर में पूजन किया एवं लोकमंगल की कामना की। उन्होंने दिए प्रवचन में कहा कि मानव अपने असली मकसद को भूल जाता है। जबकि वह अपने जन्म जन्म के कर्मों का हिसाब ठीक कराने के लिए मानव जन्म में आया है। भगवान ने कृपा रूपी शरीर देकर भेजा है लेकिन लोभवश व्यक्ति भूल जाता है और गलत गलत कार्यों में स्वयं को रत कर लेता है।
स्वामी पुरुषोत्तमाचार्य जी महाराज ने अनेक उदाहरणों के माध्यम से बताया कि हमारा जन्म भगवान की भक्ति के लिए हुआ है। बेशक इस जीवन को जीने के लिए पदार्थ भी चाहिए लेकिन इनमें रत न रहें, रत रहने के लिए केवल परमात्मा ही एक नाम हैं। उनके नाम में ही रत रहें। उन्होंने कहा कि महापुरुषों के संग में आने के बाद उनकी वाणी को भी अपने जीवन में धारण करें, कृपा अवश्य ही मिलेगी। उन्होंने सभी को होली की शुभकामनाएं दीं।
यहां पर मशहूर गायक संजय पारिख ने लोगों को सुमधुर गीतों पर झुमाया, वहीं दिल्ली की मधुबन आर्ट के कलाकारों ने भी सुंदर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। इसी के साथ चेतना वेलफेयर सोसाइटी से आए दिव्यांग बच्चों द्वारा प्रस्तुत नृत्य नाटिका को भी लोगों ने खूब सराहा। आश्रम परिक्रमा पर दर्जन भर स्टॉल्स पर लोगों के लिए काफी भोज्य सामग्री का वितरण रात तक चलता रहा। इसके साथ ही सभी ने गुरु महाराज से व्यक्तिगत प्रसाद आशीर्वाद एवं आश्रम में भोजन प्रसाद प्राप्त कर एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं दीं।