November 23, 2024

इनकी रचना बनी इन देशों के राष्ट्रगान की प्रेरणास्रोत, नोबेल जीतने वाले पहले भारतीय का है आज जन्मदिन

New Delhi/Alive News: ‘जन गण मन’, ‘आमान सोनार बांग्ला’ यह भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रगान हैं। वर्ष 1861 में जन्मे रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा लिखी गई रचनाओं काे राष्ट्रगान बनाया गया था। आपको बता दे की इसके अलावा श्रीलंका का राष्ट्रगान  ‘श्रीलंका माथा’ भी टैगोर की ही कविताओं से प्रेरणा लेकर बनाया गया है।

दरअसल, श्रीलंका माथा के रचनाकार आनंद समरकून, रवीन्द्रनाथ टैगोर के साथ शांतिनिकेतन में रहते थे। छह महीने बाद जब वह अपने देश गए जब उन्होंने श्रीलंका माथा की रचना की और बाद में यह गीत वहां का राष्ट्रगान बन गया। जानकारी के मुताबिक उनका जन्म 07 मई 1861 में कोलकाता में हुआ था। वह असाधारण प्रतिभा वाले शख्स थे। चित्रकारी से लेकर गायन तक के क्षेत्र में उनकी अद्भुत उपलब्धियां हैं।

कानून की पढ़ाई करने के लिए वह लंदन चले गए। लेकिन उन्होंने बीच में ही विश्वविद्यालय छोड़ दिया और भारती लौट आए। वहीं टैगोर के सबसे बड़े भाई द्विजेंद्रनाथ एक दार्शनिक एवं कवि थे और उनके भाई सत्येंद्रनाथ ऑल यूरोपियन-इंडियन सिविल सर्विस के लिए चयनित होने वाले पहले भारतीय बन गए थे।

गीतांजलि मूलत: बांग्ला भाषा में लिखी गई थी। लेकिन टैगोर को यह बेहद पसंद थी और वे दूसरों तक भी यह साहित्य पहुंचाना चाहते थे। इसलिए उन्होंने इसका अंग्रेजी अनुवाद करना प्रारंभ किया। उन्होंने इसमें से कुछ चुनिंदा कविताएं अपने चित्रकार मित्र विलियम रोथेंसटाइन के साथ साझा की। टैगोर ही तरह उन्हें भी यह कविताएं बेहद पसंद आईं।

उन्होंने प्रसिद्ध कवि डब्ल्यू.बी.यीट्स को भेज दी। डब्ल्यू.बी.यीट्स इतनी अच्छी लगी कि उन्होंने पढ़ने के लिए अनुवादित गीतांजलि मंगवाली। धीरे-धीरे यह किताब प्रसिद्ध होने लगी और 1913 में इसके लिए रवीन्द्रनाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।