Faridabad/Alive News : दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे परियोजना के तहत एनएचएआई पिछले कई सालों से बाईपास पर कई जगह एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य शुरू किया हुआ है। जिसका खामियाजा इन दिनों आमजन को अधिक भुगतना पड़ रहा है। क्योंकि किसी भी एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू करने से पहले उच्च न्यायालय के आदेशानुसार वाहनों के आवागमन के लिए एक्सप्रेसवे के दोनों ओर सड़क बनाना जरूरी होता है, ताकि वाहन चालकों को और लोगों को कोई दिक्कत ना हो। लेकिन एनएचएआई ने बाईपास पर एक्सप्रेसवे का निर्माणकार्य शुरू करने से पहले ऐसी कोई व्यवस्था नही की। जिसकी वजह से आए दिन बाईपास पर लोग दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे है और कई लोगों की मौत हो चुकी है।
बड़े बड़े गड्ढे खोदकर छोड़ना
एनएचएआई ने एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू करने के साथ ही बाईपास पर नाले निकालने के लिए सड़क के बीचों बीच जगह जगह बड़े बड़े गड्ढे खोदने का कार्य भी शुरू कर दिया गया। जिसके बाद वर्ष 2020 में कोरोना के कारण उच्च न्यायालय के आदेश पर एनएचएआई ने कार्य को अधर में ही बंद कर दिया। उसके बाद से जब महामारी का प्रकोप कम हुआ तो एक बार फिर 2021 के अक्टूबर माह से दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस-वे के निर्माण कार्य ने रफ्तार पकड़ी और कार्य तेजी से शुरू हुआ। लेकिन फिर शहर में बढ़ते पॉल्युशन के कारण एनजीटी ने शहर में चलने वाले सभी निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी। जिसके बाद एक बार फिर एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य अधड़ में लटक गया। हालांकि, एनजीटी ने एक महीने बाद फिर शहर में सभी निर्माण कार्यों की अनुमति दे दी। जिसके बाद फिर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू हो गया।
अंधेरे में डूबी एक्सप्रेस-वे परियोजना
निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे पर आए दिन दुर्घटना होने का सबसे बड़ा कारण रात के समय बाईपास पर लगे स्ट्रीट लाइटों का न जलना भी है। बता दें, कि जब से एनएचएआई ने बाईपास पर एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू किया है। तभी से बाईपास रोड़ का 27 किलोमीटर का पूरा एरिया अंधेरे में डूबा हुआ है। जिसके चलते लोगों को रात के समय एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे नहीं दिखाई देते और लोग गड्ढे में गिरकर अपनी जान गवा देते है।
हल्के बैरिकेड का उपयोग
उधर, लोगों का कहना है कि सड़क दुर्घटना का दूसरा कारण एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य में काफी हल्के बैरिकेड का उपयोग करना भी शामिल है। जोकि बाइक और साईकिल की हल्की टक्कर से गिर जाते है। इसके अलावा लोगों का आरोप है कि बैरिकेड पर निर्माणाधीन कंपनी ने रिफ्लेक्टर भी नहीं लगाए है। वहीं एनएचएआई ने निर्माण कार्य शुरू करने से पहले कोई योजना नही बनाई और बिना किसी प्लानिंग के ही सबसे ज्यादा व्यस्त रहने वाले बाईपास पर निर्माण कार्य शुरू करवा दिया है। जिसका खामियाजा यहां से आवागमन करने वाले वाहन चालकों को और उनके परिजनों को भुगतना पड़ रहा है।
हादसों का आंकड़ा
वहीं अगर बाईपास पर हुए हादसों की बात करे तो अब तक बाईपास पर कुल 29 हादसे हो चुके है। निर्माणाधीन कंपनी की लापरवाही का आलम यह है कि बडी संख्या में यहां लोगों की जान चली गयी है। हाल में ही निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे पर सेक्टर 2 स्तिथ बाईपास रोड़ पर फ्लाईओवर के लिए 4 दिसंबर को एक 25 वर्षीय मृत युवक का शव गड्ढे में संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था। साथ ही सिर में चोट के निशान भी मिले थे। इसके अलावा पल्ला पुल पर डिवाइडर से अमेज़न अधिकारी की कार टकराने से उसकी भी मौत हो गयी थी। इसके अलावा कानपुर के रहने वाले ज्योति प्रकाश और आलोक की भी गड्ढे में गिरने से मौत हो गयी थी।
ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना
बता दें, कि कुछ दिनों पहले ही सराय ख्वाजा के पास बनाए जा रहे पल्ला चौक पर करीब 12 फुट गहरा गड्ढा नाले के निर्माण के लिए खोदा गया है। जिसमें मोटरसाइकिल गिरने से दो युवकों की मौत हो गई थी। वहीं मृतकों की पहचान यशोदा नगर कानपुर निवासी 48 वर्षीय ज्योति प्रकाश और 27 वर्षीय आलोक गुप्ता के रूप में हुई थी। इस मामले में सराय ख्वाजा थाना पुलिस ने निर्माण कर रहे ठेकेदार के खिलाफ लापरवाही से हुई मौत की धाराओं के तहत तीन दिन पहले ही मुकदमा दर्ज किया है।
सराय ख्वाजा थाना प्रभारी योगेंद्र कुमार का कहना है कि मृतकों के स्वजनों ने कोई शिकायत नहीं दी है। यह मुकदमा मौके पर पहुंचे संतोष नगर निवासी राकेश गुप्ता की शिकायत पर दर्ज हुआ है। उन्होंने ठेकेदार पर आरोप लगाया है कि ठेकेदार ने नाले का निर्माण कार्य शुरू करने से पहले ठीक तरह से नाकाबंदी नहीं की और मौके पर रोशनी का भी प्रबंध नहीं था। इस कारण यह हादसा हुआ। पुलिस का कहना है कि ठेकेदार का नाम जांच के दौरान सामने आएगा। इस मामले में पुलिस ने खुद पहल करते हुए मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस आयुक्त विकास कुमार अरोड़ा ने पिछले दिनों कहा था कि अगर सड़क हादसे में ठेकेदार या निर्माण कंपनी की लापरवाही सामने आएगी तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।