Faridabad/Alive News: जिला फरीदाबाद और पलवल में दूध उत्पादन, खाद्य तेल में मिलावट की शिकायत सामने आ रही है। मुनाफा को मोटा मुनाफा कमाने के लिए लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। इसकी शिकायत मिलने पर खाद्य विभाग ने जनवरी से अक्टूबर तक फरीदाबाद और पलवल से दूध और तेल के कई 215 सैंपल लिया था, जिसमें से 59 सैंपल फेल हो गए हैं। इनमें पनीर, घी और मिठाइयों के भी नमूने शामिल है।
फरीदाबाद और पलवल में दूध उत्पादन और तेल में हो रहे मिलावट की शिकायत समाजसेवी वरुण श्योकंद ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में सुनवाई के लिए एक याचिका दायर की थी जिस पर हाई कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाया और सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। सरकार को कोर्ट द्वारा नोटिस जारी होने के बाद सभी अधिकारियों में खलबली मच गई है। अब अधिकारी जनवरी से लेकर अक्टूबर तक जिले में हुई सभी छापेमारी और आरोपी व्यक्ति के खिलाफ हो रही जांच, जांच के लिए भरे गए सभी सैंपल की रिपोर्ट जुटाने में लगे हुए हैं।
फरीदाबाद निवासी वरुण श्योकंद ने एडवोकेट आरएस चहल के माध्यम से पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि पलवल, मेवात व नूंह में हर रोज 40 हजार किलो नकली व मिलावटी दुग्ध उत्पाद तैयार किए जाते हैं। इन उत्पादों को फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, झज्जर, रेवाड़ी, नारनौल, नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली व अन्य स्थानों पर बिक्री के लिए भेज दिया जाता है। वही विभाग की जटिलता भी मिलावटखोरों के हौसले को बुलंद कर रही है।
जिले से जांच के लिए भरे गए सैंपल जब लैब में भेजा जाता हैं तो उनकी रिपोर्ट आने में कम से कम 2 माह का समय लग जाता है। ऐसे में तब तक मिलावट करने वालों की दुकानदारी धड़ल्ले से चलती रहती है और सैंपल फेल होने पर आरोपी व्यक्ति के खिलाफ 5 लाख तक का जुर्माना किया जाता है और सैंपल असुरक्षित श्रेणी में आने पर दुकानदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा कर 3 साल की सजा का प्रावधान है। वहीं दूसरी ओर विभाग में अधिकारियों की कमी भी सबसे बड़ा कारण है। फरीदाबाद में केवल एक ही फूड ऑफिसर कार्यरत है जबकि अन्य पद खाली पड़े हैं।