November 18, 2024

हाईकोर्ट ने लूटपाट की एक ही वारदात से जुड़ी चार एफआईआर को किया रद्द

New Delhi/Alive News : उत्तर पूर्वी दिल्ली में साल 2020 में हुए दंगों के दौरान लूटपाट और परिसर में आग लगाने के आरोप में हाई कोर्ट ने दर्ज चार प्राथमिकी रद्द कर दीं गयी हैं। अदालत का कहना है कि एक ही संज्ञेय अपराध के लिए दूसरी प्राथमिकी और नई जांच नहीं हो सकतीं।

दरअसल, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध के बाद शुरू हुए सांप्रदायिक दंगों में 53 लोग मारे गए थे और सरकारी तथा निजी संपत्ति को करोड़ों का नुकसान हुआ था। इस दौरान कई लोग घायल हुए थे।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के मामलों की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि विचाराधीन अपराध के लिए दूसरी एफआईआर दर्ज कर नए सिरे से जांच शुरू नहीं की जा सकती। सीएए के समर्थकों और विरोधियों के बीच विवाद से शुरू हुए दंगों में कुल 755 एफआईआर दर्ज की गई थीं और 1,829 लोगों को गिरफ्तार किया था।

दंगों के दौरान उग्र भीड़ ने स्कूलों, ट्रेन, वाहनों व एक पेट्रोल पंप को भी आग के हवाले कर दिया था। इस दौरान इंटेलिजेंस अधिकारी अंकित शर्मा की भी हत्या कर उनका शव नाले में फेंक दिया गया था। आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन भी इस मामले में नामजद हैं।