Chandigarh/Alive News : राइट टू सर्विस कमीशन के चेयरमैन के तल्ख टिप्पणियों को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) के मुख्य प्रशासक अजीत बालाजी जोशी ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है। याचिका में हाईकोर्ट से अपील की गई है कि याची के खिलाफ की गई टिप्पणियों को आदेश से हटाया जाए और राइट टू सर्विस कमीशन द्वारा लिए गए संज्ञान को रद्द किया जाए। हाईकोर्ट में दाखिल इस याचिका पर जल्द सुनवाई होगी।
मिली जानकारी के अनुसार जोशी ने याचिका में हाईकोर्ट को बताया कि एक महिला की प्रॉपर्टी के ट्रांसफर में 14 माह की देरी पर राइट टू सर्विस कमीशन के चेयरमैन टीसी गुप्ता ने संज्ञान लेते हुए सुनवाई आरंभ की है। वहीं याची ने इस मामले की सुनवाई करते हुए और ट्रांसफर में हुई देरी पर टिप्पणी करते हुए आदेश में लिखा कि यह देरी मुख्य प्रशासक के सनकीपन, अहंकार, लापरवाही व संवेदनहीनता को दर्शाता है।
जोशी ने याचिका में दलील दी है कि यह मामला गुप्ता के अधिकार क्षेत्र के बाहर आता है और उन्होंने अपने आदेश में जो टिप्पणी की है वह अनावश्यक थी। याची ने कहा कि उसने बेहद अहम पदों पर कार्य किया है और प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक उसे सम्मानित कर चुके हैं।
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण से न्याय न मिलने पर फरीदाबाद निवासी पीड़िता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु मांगी थी। इसके बाद हरियाणा सेवा का अधिकार आयोग ने हरकत में आते हुए स्वत: संज्ञान लेकर प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक से जवाब तलब किया था।