Guragram/Alive News: शहरवासियों को जल्द ही 700 बेड वाले सरकारी अस्पताल की सुविधा मिलने वाली है। लोकसभा चुनाव में सरकारी अस्पताल के निर्माण को लेकर किरकिरी झेल चुकी सरकार ने अस्पताल निर्माण की कवायद शुरू कर दी है।
शनिवार को स्वास्थ्य मंत्री कमल गुप्ता ने सिविल लाइंस स्थित अस्पताल वाली जगह का निरीक्षण किया और जरुरी दिशा- निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य मंत्री के साथ डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विस हरियाणा डॉ आरएस पुनिया, सीएमओ डॉ वीरेंद्र यादव, पीएमओ जयमाला, डीएमएस नीरज यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे। स्वास्थ्य मंत्री ने अपने निरीक्षण दौरे में महानिदेशक डॉ आरएस पूनिया से अस्पताल के प्रमुख क्षेत्रों, जिसमें आपातकालीन सेवाओं, बाह्य रोगी विभागों, रोगी वार्डों और विशेष इकाइयों के लिए नियोजित स्थान शामिल हैं, पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने इस दौरान भवन योजना, पार्किंग और आवासीय ब्लॉक की रूपरेखा को समझते हुए अस्पताल की निर्माण प्रक्रिया व इसके पूर्ण होने की समयसीमा पर भी गहन चर्चा की।
बेसमेंट पार्किंग की मिलेगी सुविधा
प्रस्तावित अस्पताल में 50 बेड का आईसीयू वार्ड बनाया जाएगा। इसके अलावा अस्पताल में एयर एबुलेंस के लिए छत पर हैलीपेड और बेसमेंट पार्किंग की भी सुविधा दी जाएगी। इस मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में विशेषज्ञ सेवाओं के अलावा आपात स्थिति से निपटने के लिए 50 बेड का क्रिटिकल केयर यूनिट भी होगा। अस्पताल में मिलने वाली इन सुविधाओं से भविष्य में मरीजों को लाभ होगा। महानिदेशक डॉ आरएस पुनिया ने बताया कि टेंडर के लिए वित्त विभाग से अंतिम मंजूरी इस सप्ताह तक मिल जाएगी।
राव इंद्रजीत सिंह व राज बब्बर ने भी उठाया था मुद्दा
सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई जीएमडीए की मीटिंग में अस्पताल निर्माण का मुद्दा उठाया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रदेश में हमारी पार्टी की सरकार को 10 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं लेकिन गुरुग्राम सिविल अस्पताल का मुद्दा आज भी खड़ा हुआ है। राव ने कहा कि गुरुग्राम जिला प्रदेश सरकार के खजाने में 60 प्रतिशत से अधिक का राजस्व देता है लेकिन इसके बावजूद यहां की जनता को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखना घोर लापरवाही है। इसके अलावा कांग्रेसी नेता राज बब्बर ने भी प्रस्तावित अस्पताल वाली जगह का निरीक्षण किया था। राज बब्बर ने कहा कि इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि किसी अस्पताल को तोड़कर वहां पार्किंग बना दी गई है।
2021 में तोड़ा गया था अस्पताल
वर्ष 2021 से पहले शहर का नागरिक अस्पताल यहीं मौजूद था। वर्ष 2021 में अस्पताल की जर्जर हालात के चलते अस्पताल को सेक्टर-10 में शिफ्ट कर दिया गया। सेक्टर-10 स्थित अस्पताल में सुविधाओं की कमी है। यहां मरीजों की संख्या अधिक होने पर एक बेड पर दो- दो मरीजों का इलाज किया जाता है वहीं प्रस्तावित अस्पताल वाली जगह पर पार्किंग है। प्रतिदिन सैकड़ों वाहन चालक यहां अपने वाहन पार्क करते हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि यहां अभी भी नागरिक अस्पताल का बोर्ड लगा हुआ है।