Faridabad/Alive News: प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि कोरोना के रूप में एक बहुत बड़ा संकट पूरे विश्व के सामने आया है और यह बात भी अछूती नहीं है कि हमने एक अदृश्य सूक्ष्म दुश्मन वायरस का बड़ी मजबूती के साथ सामना किया है। भविष्य में हम इस पूरी लड़ाई को इतिहास के रूप में लिखेंगे और इसकी पल-पल की गतिविधियों को लिखने के लिए पीजीआई के चिकित्सकों की एक टीम भी बनाई गई है। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज शनिवार को फरीदाबाद के बीके नागरिक अस्पताल में तैयार की गई प्रदेश की सरकारी क्षेत्र की 20वीं व प्रदेश की 42वीं आरटीपीसीआर टेस्टिंग लैब का ऑनलाइन उद्घाटन करने के उपरांत संबोधित कर रहे थे।
अपने संबोधन में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि अगर आज से 50 या 100 साल बाद इस तरह की कोई महामारी आती है तो आज के समय में हमारी की गई व्यवस्थाओं का फायदा वह भावी पीढ़ियां ले सकती हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एक साल पहले जब कोरोना नाम की महामारी आई थी तो हरियाणा प्रदेश में एक भी टेस्टिंग लैब नहीं थी। उन्होंने कहा कि हमें सैंपल जांच के लिए पुणे भेजने पड़ते थे और वहां से कई दिन बाद रिपोर्ट आती थी। उन्होंने कहा कि हमारे पास एक भी पीपीई किट नहीं थी और नहीं यह पता था कि इनका निर्माण कौन करता है।
इस बीमारी के इलाज की दवाओं की जानकारी भी हमें नहीं थी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आज एक वर्ष में हम प्रदेश में 20 सरकारी क्षेत्र की लैब स्थापित कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिन जिलों में अभी तक यह लैब स्थापित नहीं हुई है वहां भी जल्द ही इनकी शुरुआत की जाएगी। उन्होंने कहा कि आज हम प्रतिदिन 92 हजार सैंपल टेस्टिंग की क्षमता पर पहुंच चुके हैं। उन्होंने कहा कि बगैर संसाधनों के भी स्वास्थ्य विभाग पूरी मेहनत के साथ इस बीमारी से लड़ा। उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में प्रतिदिन 15000 नए मरीज आ रहे थे और अब यह संख्या घटकर 5000 मरीज प्रतिदिन पर आ गई है।
उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में देशभर में 400 डॉक्टरों ने अपना जीवन खोया है लेकिन इसके बावजूद सभी निर्भीक होकर दिन-रात वार्डों में मरीजों का उपचार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई का जो इतिहास लिखा जाएगा उसमें इन चिकित्सकों का नाम भी स्वर्णिम अक्षरों में अंकित होगा। उन्होंने कहा कि आज बेशक हम कोरोना के मामलों पर कुछ नियंत्रण करने में सफल हुए हैं लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। अपने संबोधन में ब्लैक फंगस को एक बहुत बड़ी चिंता बताते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जब उन्हें अधिकारियों की मीटिंग में इसके बारे में पता लगा तो उन्होंने तुरंत इसके इलाज को लेकर गंभीरता बरतनी शुरू कर दी थी।
हरियाणा ऐसा पहला प्रदेश था जिसने इस बीमारी को महामारी घोषित किया और आज 10 अन्य प्रदेश इसे महामारी घोषित कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने भी इस बीमारी को लेकर निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने इलाज को लेकर अपने आप को बेसहारा न समझे। उन्होंने आज प्रदेश में ब्लैक फंगस के 268 मरीज हमारे पास हैं। उन्होंने कहा कि इसके इंजेक्शन को लेकर कुछ दिक्कत आ रही है लेकिन हम जल्द ही इसका समाधान करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में 20-20 वर्ल्ड ब्लैक फंगस के लिए रिजर्व किए गए हैं और सभी सिविल अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि अगर उनके यहां कोई मरीज आता है तो तुरंत उन्हें संबंधित मेडिकल कॉलेज में रेफर करें।
उन्होंने कहा कि हमने इंजेक्शन के लिए ग्लोबल टेंडर किया है और केंद्र सरकार के पास भी 12000 इंजेक्शन की डिमांड रखी है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में सरकारी अस्पतालों के प्रति लोगों का विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि जिस ढंग से कोरोना काल में सरकारी अस्पतालों की बेहतर छवि बनी है मैं भविष्य में भी हर तरह के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों को सक्षम बनाने की प्राथमिकता में हूं। इस अवसर पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री कृष्णपाल गुर्जर ने अपने संबोधन में कहा कि स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के नेतृत्व में प्रदेश के स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरीन कार्य हुआ है।
उन्होंने कहा कि बेहतर प्रबंधन के चलते हम कोरोना महामारी पर लगाम लगाने में सक्षम रहे हैं। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से ब्लैक फंगस की दवाई को लेकर प्राथमिकता से कदम उठाने का आह्वान भी किया। इस अवसर पर बड़खल की विधायक सीमा त्रिखा, प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव राजीव अरोड़ा, निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं वीना सिंह, मंडलायुक्त संजय जून, उपायुक्त यशपाल, सीएमओ रणदीप सिंह पुनिया सहित कई अधिकारी मौजूद थे।