Palwal/Alive News: सीएम विंडो की शिकायत के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गांव रहराना में चल रहे फर्जी क्लीनिक पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान टीम को क्लीनिक से कई प्रकार दवाईयां व औजार बरामद हुए जिनको मौके पर ही सील कर दिया गया। कैंप थाना पुलिस ने टीम इंचार्ज की शिकायत पर क्लीनिक संचालक सहित तीन नामजद आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
पुलिस जांच अधिकारी लक्ष्मी नारायण के अनुसार दूधौला सीएचसी के इंचार्ज डाक्टर ऐके यादव ने शिकायत दर्ज कराई है कि जिला सिविल सर्जन डॉ. ब्रहमदीप को सीएम विंडो के माध्यम से एक शिकायत प्राप्त हुई की गांव रहराना में फर्जी क्लीनिक चलाया जा रहा है। क्लीनिक संचालक के पास किसी प्रकार की कोई डिग्री नहीं है और वह लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।
शिकायत के आधार पर टीम का गठन किया गया जिसमें डॉ. कौशल, जिला औषधी नियत्रंक कृष्ण कुमार को शामिल किया गया। टीम ने गत 22 जून को गांव रहराना में चल रहे क्लीनिक पर पहुंची तो देखा कि वहां पर किसी प्रकार का कोई साईनबोर्ड नहीं लगा हुआ था। क्लीनिक पर कोई व्यक्ति मौजूद था। टीम ने ग्रामीणों से पूछताछ की तो बताया गया कि यह क्लीनिक गांव निवासी श्रीराम प्रसाद की जमीन पर है और इसे उसका पुत्र जितेंद्र उर्फ जिले चला रहा है।
श्रीराम प्रसाद को मौके पर बुलाकर पूछताछ की गई तो पता चला कि उसका पुत्र क्लीनिक संचालक जितेंद्र उर्फ जिले दसवीं कक्षा पास है और उसके पास किसी प्रकार की कोई डिग्री नहीं है। जांच के दौरान क्लीनिक से कई प्रकार की अंग्रेजी दवाई व औजार बरामद हुए जिनको मौके पर सील कर दिया गया। जिसके बाद श्रीराम प्रसाद ने दिल्ली मेडिकल काउसिंग स्र्टीफिकेट दिखाया जो कि डॉ. नरेश विकल के नाम पर जारी है।
ग्रामीणों से पूछताछ में पता चला कि जितेंद्र उर्फ जिले इस क्लीनिक को डॉ. नरेश विकल के नाम का सहारा लेकर चला रहा है जो कि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। इसी दौरान श्रीराम प्रसाद भी लघु शंका का बहना लेकर मौके से फरार हो गया। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस को लिखित शिकायत दी। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।