Surajkund(Faridabad/Alive News: हरियाणवी दामण और उस पर कुर्ती, सिर पर बोरला, माथे पर छाज, नाक में नथनी, कान में बाली, गले में कंठी, हाथ पर हथफूल, कमर पर झूब्बेदार नाड़ा और पैर में रमझौल के साथ छोटी चौपाल के मंच पर जब हरियाणवी बालिकाओं ने तेरे नैन चमक तलवार चालैं नागण से… हरियाणवी गीत के साथ नृत्य प्रस्तुत किया तो सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेले की छोटी चौपाल पर कालाकार खूब रंग जमा रहे है।
आंध्र प्रदेश के कलाकारों ने लंबाडी नृत्य पेश करके फसल के बीजारोपण से लेकर कटाई तक गाई जाने वाली लोक विधा से दर्शकों को रूबरू कराया। वहीं राजस्थानी कलाकारों ने वहां का प्रसिद्ध कालबेलिया नृत्य प्रस्तुत किया।
स्वर्ग के समान समझी जाने वाली धरती से आए कश्मीरी कलाकारों ने कश्मीर की सुंदरता व केशर की खुशबू का अहसास अपनी लोक कला से कराया। राहुल बागड़ी के दल ने सारी सखियां की होकर रोज कुएं पै जावैं सैं.. पर नृत्य करके उस दौर की पनिहारियों की संस्कृति को सबके सामने रख दिया।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच बीच में मास्टर महेंद्र सिंह ने हास्य व्यंग की फुलझडियों से माहौल को और भी अधिक खुशनुमा कर दिया। इसके अलावा इस संस्कृति कार्यक्रम में योगेश, राहुल बागड़ी, नरेश कुंडू, कृष्ण सांवरा एवं उनके दल ने हरियाणवी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी।