Chandigarh/Alive News: हरियाणा सरकार के प्रदेश में आठवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा लेने के फैसले के विरोध में प्राइवेट स्कूल संघ ने बुधवार को चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेस की। हरियाणा प्रोग्रेसिव स्कूल कॉन्फ्रेंस, हरियाणा यूनाइटिड स्कूल एसोसिएशन हरियाणा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन, करनाल इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन और रिकोगनाइज्ड एन एडिड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार का यह तुगलकी फरमान स्कूली प्रबंधन के साथ साथ विद्यार्थियों और अभिभावकों को नामंजूर है।
एचपीएससी के उपाध्यक्ष सुरेश चंद्र ने बताया कि सरकार का फरमान पूर्ण रूप से नियमों के विरुद्ध है। प्रति विद्यार्थी रजिस्ट्रेशन के नाम पर पांच हजार रुपए का शुल्क, एनरोलमेंट पर एक सौ रुपए और वार्षिक परीक्षा शुल्क के लिए 450 रुपए निर्धारित कर बोर्ड ने पैसे कमाने का जरिया बना लिया है। भिवानी शिक्षा बोर्ड ने नए आदेश जारी किए है कि आठवीं कक्षा में पेपर में कंपार्टमेंट आने के बाद उसे रिटेस्ट किया जाएगा।
इसके बाद ही उसे अगली कक्षा में एडमिशन दिया जाएगा। परीक्षा को लेकर हरियाणा एकेडमिक अथॉरिटी ने बोर्ड को पत्र लिखा है कि व्यापक प्रबंध नहीं है। इसलिए हरियाणा बोर्ड परीक्षा ले। प्रदेश में सीबीएसआई, आईसीएसई, आईबी के करीब 2500 स्कूल हैं। इन स्कूल संचालकों का कहना है कि बोर्ड जानबूझकर दबाव ले रहा है। पैसा इकट्ठा करवाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवा रहा है। अभी स्कूल ही खुलें है और परीक्षा एकदम से कैसे आयोजित की जा सकती है। स्कूल संचालकों ने कहा कि वे बोर्ड के फैसले के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।