May 17, 2024

हरियाणा: सभी सीएचसी में बनेंगे बच्चों के वार्ड, एक एंबुलेंस रहेगी तैनात

Chandigarh/Alive News: कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर हरियाणा में सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) स्तर पर बच्चों के वार्ड बनेंगे और अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं को भी बढ़ाया जाएगा। हर सीएचसी पर लाइफ सपोर्ट सिस्टम से लैस एक एंबुलेंस 24 घंटे तैनात रहेगी।

दरअसल, मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सभी डीसी के साथ गुरुवार को बैठक में यह निर्णय लिया। उन्होंने धरातल पर स्वास्थ्य सुविधाएं बढाने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतनी है। कोरोना के नए मरीजों की संख्या काफी कम होने के बावजूद कोविड प्रोटोकॉल का पालना करना है। सीएम ने डीसी से दूसरी लहर के दौरान आई कठिनाइयों एवं उनसे पार पाने के लिए किए गए प्रबंधों के बारे में जाना।

इसके साथ ही तीसरी लहर की आशंका के प्रति सभी को सचेत रहने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर सीएचसी स्तर पर कमरे बनाने की आवश्यकता महसूस हो तो योजना बनाकर जल्द काम करें। सीएचसी में ऑक्सीजन बेड की संख्या भी बढ़ाई जाए। फील्ड में सर्वे कर रही टीमों को अलर्ट रखें व आवश्यकता पड़े तो सर्वे का दूसरा राउंड भी करवाएं। आयुष वेलनेस सेंटर पर सुविधाएं बढ़ाई जाएं जिससे लोग कम से कम बीमार पड़ें।

योजना पर बजट खर्च होगा तो लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत भी होंगे और बीमार कम पड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवार पहचान पत्र सरकार की बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना है। इसकी उपयोगिता को देखते हुए केंद्र सरकार अन्य राज्यों में भी लागू करवाने के लिए कार्य कर रही है। आय सत्यापन के कार्य में तेजी लाई जाए।

मुख्यमंत्री ने जिला उपायुक्तों से कहा कि अपने-अपने जिलों में संवेदनशील टीमें बनाकर काम करें। कार्य स्थान के प्रति निर्मोही होकर लगाव के साथ काम करने का स्वभाव बनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा मेरी ‘फसल-मेरा ब्योरा’ योजना को पूर्ण तब माना जाएगा जब एक-एक इंच भूमि की जानकारी पोर्टल पर अपडेट होगी कि किस एकड़ व क्षेत्र में कौन सी फसल की बिजाई की हुई है।

खेत की उर्वराशक्ति बढ़ाने के लिए यदि कोई किसान खेत खाली रखता है तो उसे भी प्रोत्साहन राशि प्रदान करने की सरकार की योजना है। इस योजना को विस्तृत करने की दिशा में काम चल रहा है। मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक के बाद कहा कि कुछ निजी अस्पतालों के इलाज के लिए अधिक राशि लेने की शिकायतें मिली हैं। निजी अस्पतालों का रेंडम ऑडिट किया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर कमेटियां बनाई हैं।