May 17, 2024

हरियाणा: आरडीए की हड़ताल 7 दिन के लिए स्थगित, काम पर लौटे डाॅक्टर, मरीजों ने ली राहत की सांस

Chandigarh/Alive News: पीजीआई में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) की हड़ताल वीरवार को 7 दिन के लिए स्थगित कर दी गई। इससे आपात सेवाएं बहाल होने से गंभीर मरीजों को कुछ राहत मिली। वहीं इससे पहले हड़ताल के चौथे दिन मरीज धक्के खाने को मजबूर हुए। ओपीडी और आपात विभाग में इलाज के लिए आए मरीजों को दवा लिखकर घर भेज दिया गया। गंभीर मरीजों को भी घंटों इंतजार के बाद मायूस लौटना पड़ा।

दरअसल, चौथे दिन पीजी डॉक्टरों ने सात दिन के लिए हड़ताल स्थगित करने का फैसला लिया। यही नहीं, पिछले चार दिन में औसतन 50 ऑपरेशन रोज के हिसाब से करीब 200 केस लंबित हो गए हैं। अब चिकित्सकों पर काम की जिम्मेदारी बढ़ जाएगी। नीट-पीजी की काउंसिलिंग में देरी के चलते फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा) के समर्थन में आरडीए की हड़ताल वीरवार को चौथे दिन भी जारी रही थी।

इससे मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ी। ओपीडी में मरीज इधर-उधर भटकते रहे। आपात विभाग में भी मरीजों को जांच के बाद परामर्श ही मिला। यहां से दवा लिखकर मरीजों को घर भेज दिया गया। इससे मरीज परेशान रहे। इधर, रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ वीरवार शाम कुलपति डॉ. अनीता सक्सेना व निदेशक डॉ. गीता गठवाला ने कुलपति कार्यालय में अहम बैठक की। यहां सकारात्मक बातचीत हुई।

सभी रेजिडेंट डॉक्टरों ने एक स्वर में एक सप्ताह तक के लिए हड़ताल टालकर वापस काम पर जाने का फैसला लिया। शुक्रवार से संस्थान में ओपीडी पहले की तरह निर्धारित समय पर सामान्य रूप से चलेगी। हड़ताल समाप्त कर वीरवार शाम को ही पीजी चिकित्सक आपात व ट्रॉमा सेंटर समेत सभी विभागों में ड्यूटी पर लौट गए।

पीजीआई के ऑपरेशन थियेटर में रोजाना 50 मरीजों के ऑपरेशन किए जाते हैं। पिछले चार दिन से हड़ताल के चलते ओटी बंद रही। इस कारण मरीजों के ऑपरेशन नहीं हो सके। यह आंकड़ा करीब 200 बनता है। अब हड़ताल समाप्ति के बाद चिकित्सकों पर यह कार्यभार निपटाने की भी जिम्मेदारी रहेगी। इसके लिए प्राथमिकता के आधार पर ऑपरेशन किए जाने की तैयारी की जा रही है।

पीजीआई में पीजी चिकित्सकों की हड़ताल स्थगित होने से वरिष्ठ चिकित्सकों को बड़ी राहत मिली है। अब वे अपने शीतकालीन अवकाश पर जा सकेंगे। शुक्रवार से ही ये अवकाश शुरू हो रहे हैं। संस्थान में एक दिसंबर से शुरू हुए शीतकालीन अवकाश हड़ताल के कारण रद्द कर दिए गए थे। इस कारण वरिष्ठ चिकित्सकों को ड्यूटी पर लौटना पड़ा था।