Chandigarh/Alive News: हरियाणा का बजट अब अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यानी आठ मार्च को पेश किया जाएगा। इस दिन विधानसभा में सुबह बजट पेश होगा और दोपहर बाद पूरी सरकार हिसार में प्राकृतिक खेती लागू करने के तौर-तरीके पर मंथन करेगी। महिला दिवस पर पेश किए जाने वाले बजट में मुख्यमंत्री महिलाओं को कई सौगात दे सकते हैं। दो मार्च को हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र शुरू होगा जो 22 मार्च तक चलेगा। इस दौरान बजट सत्र में कुल 10 सीटिंग होंगी।
यह पहली बार है जब संसद की तर्ज पर इतनी लंबी अवधि के लिए बजट सत्र चलेगा। विधानसभा सचिवालय ने सात मार्च को सदन में बजट पेश करना प्रस्तावित किया था, लेकिन बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) ने इसमें बदलाव कर दिया। सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बीएसी की बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल, विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, गृह मंत्री अनिल विज, विधानसभा उपाध्यक्ष रणबीर सिंह गंगवा व संसदीय कार्य मामले मंत्री कंवर पाल गुर्जर शामिल हुए
बैठक के बाद मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने बताया कि वह आठ मार्च को बजट पेश करेंगे। दो मार्च को राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय का अभिभाषण होगा जिस पर अल्प विराम के बाद चर्चा शुरू हो जाएगी। नौ से 11 मार्च तक सत्रावकाश रहेगा। इस दौरान विधानसभा की तदर्थ कमेटियां बजट प्रस्ताव का अध्ययन करेंगी। हरियाणा में यह अपनी तरह का अनूठा प्रयोग होगा। 12 और 13 मार्च को शनिवार-रविवार की छुट्टी है। 14 से 16 मार्च तक बजट पर व्यापक चर्चा करवाई जाएगी। 17 मार्च को सत्रावकाश रहेगा।
18 से 20 मार्च तक राजकीय अवकाश है। 21 और 22 मार्च के दिन विधायी कामकाज के लिए निर्धारित किए गए हैं। 22 मार्च को ही सत्रावसान होगॆ। भाजपा विधायक निर्मल रानी और कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा को बजट सत्र के पहले दिन दो मार्च को सम्मानित किया जाएगा। उन्हें सम्मान स्वरूप एक लाख रुपये की नकद राशि, शाल और स्मृति चिह्न प्रदान किए जाएंगे।बाक
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि बजट को लेकर हमने लिखित सुझाव मांगने के साथ ही अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ प्रत्यक्ष और आनलाइन बैठक की हैं। आठ बैठकों में 450 विशेषज्ञों से सीधी बात हुई। सभी अहम सुझावों को बजट में शामिल किया जाएगा। आठ-नौ सदस्यों की कमेटी बनाई गई हैं जिनमें सभी विधायकों को जगह मिलेगी। यह कमेटियां अलग-अलग क्षेत्रों के लिए आवंटित बजट का अध्ययन कर अपना सुझाव देंगी। इनके अधिकतम सुझाव बजट में शामिल किए जाएंगे।