Poonam Chauhan/Alive News
Faridabad: महामारी का प्रकोप कम होने पर अर्थव्यवस्था के धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौटने पर देश में बेरोजगारी की दर कुछ घटी है। वहीं, देश में हरियाणा ऐसा राज्य है, जहां बेरोजगारी दर सबसे अधिक है। हरियाणा में बाकी राज्यों के मुकाबले बेरोजगारों की संख्या सबसे अधिक है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के सर्वे के अनुसार उक्त बेरोजगारी की दर का आंकड़ा सामने आया है। सीएमआईई के मासिक आंकड़ों के अनुसार, देश में बेरोजगारी की दर फरवरी में 8.10 प्रतिशत थी, जो मार्च में घटकर 7.6 प्रतिशत रह गई। दो अप्रैल को यह अनुपात ओर घटकर 7.5 प्रतिशत रह गया। शहरी बेरोजगारी की दर 8.5 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह 7.1 प्रतिशत रही।
हरियाणा में सबसे ज्यादा बेरोजगार
आंकड़ों की बात करें तो हरियाणा में सबसे ज्यादा 26.7 फीसदी बेरोजगारी दर है, जबकि राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में यह 25-25 फीसदी है। बिहार में 14.4 फीसदी और त्रिपुरा में यह 14.1 फीसदी है। पश्चिम बंगाल में बेरोजगारी दर 5.6 प्रतिशत है। अगर पिछले साल की बात करें तो अप्रैल 2021 में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान बेरोजगारी दर 7.97 फीसदी थी, जो मई आते-आते 11.84 तक पहुंच गई थी। आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक और गुजरात में सबसे कम 1.8 प्रतिशत अनएंप्लायमेंट रेट रहा है।
किस राज्य में कितनी बेरोजगारी दर
आंध्र प्रदेश-9.2
असम-7.7
बिहार-14.4
छत्तीसगढ़-0.6
दिल्ली -8.9
गोवा- एनए
गुजरात -1.8
हरियाणा -26.7
हिमाचल -12.1
जम्मू-कश्मीर- 25
झारखंड- 14.5
कर्नाटक- 1.8
केरल- 6.7
मध्य प्रदेश -1.4
महाराष्ट्र- 4.0
मेघालय- 1.8
ओडिशा -9.7
पुडुचेरी- 4.2
पंजाब- 7.0
राजस्थान- 25
सिक्किम -एनए
तमिलनाडु- 4.1
तेलंगाना- 6.8
त्रिपुरा- 14.1
उत्तर प्रदेश- 4.4
उत्तराखंड- 3.5
पश्चिम बंगाल- 5.6
(ये आंकड़े सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के हैं।)
बेरोजगारी पर क्या कहना है विपक्ष और बुद्धिजीवी लोगों का
सरकार का बेरोजगारी पर ध्यान नहीं है, सरकार रोजगार देने के नाम पर सिर्फ मजाक करती है और कुछ नहीं। जब से वर्तमान सरकार आई है सरकारी नौकरियां खत्म होती जा रही है और ठेकेदारी प्रथा का टाइम है। बेरोजगारी पर अगर काम नहीं हुआ तो समस्या बढ़ती जाएगी। पढ़े-लिखे युवाओं की कोई कदर नहीं है इसीलिए यूथ रोजगार के लिए बाहर जाना चाहता हैं। इंडिया में ब्रेन की कोई रिस्पेक्ट नहीं है और कौशल विकास के नाम पर तमाशा हो रहा है।
-हेमलता शर्मा, चेयरपर्सन, शरद फाऊंडेशन ट्रस्ट।
विदेशों में रोजगार की संभावना अधिक है इसलिए यूथ विदेशों में जाना पसंद कर रहा हैं। देश में अगर आपके पास अप्रोच है तो ही सरकारी नौकरी मिलेगी और अगर अप्रोच नहीं तो नौकरी नहीं। हरियाणा गवर्नमेंट का 75 प्रतिशत युवाओं को जॉब देने का वादा भी खोखला निकला। जब भी रोजगार, शिक्षा, मेडिकल की बात की जाती है सरकार घूम फिर कर धर्म के मुद्दे पर आ जाती है। मिली-जुली सरकार ने अपने कार्यकाल में लोगों को बरगलाने के अलावा कुछ भी नहीं किया।
-जगजीत कौर पन्नू , जिला अध्यक्ष, इंडियन नेशनल लोकदल(महिला)।