Chandigarh/Alive News: इस साल देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है। अप्रैल के पहले कुछ दिन पिछले कई वर्षों से सबसे गर्म लगते हैं। इन उच्च तापमान के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। पश्चिमी हिमालय पर बारिश और बर्फबारी के लिए जिम्मेदार पश्चिमी विक्षोभ मार्च के दौरान अनुपस्थित रहे। उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के अधिकांश हिस्सों में प्री-मानसून गतिविधियां भी अनुपस्थित रहीं, जिससे आसमान साफ और चिलचिलाती धूप रही। पश्चिमी विक्षोभ दूर हो गया है।
हालांकि एक और पश्चिमी विक्षोभ 19 अप्रैल तक पश्चिमी हिमालय तक पहुंच जाएगा। हालांकि, इसका प्रभाव देश के उत्तर-पश्चिम और मध्य भाग पर नहीं होगा। गर्मी की लहर एक बार फिर तेज हो जाएगी। मौसम विभाग के मुताबिक 12 से 14 अप्रैल के बीच राजस्थान के उत्तरी हिस्सों, पंजाब, हरियाणा के कुछ हिस्सों, उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से और दिल्ली के अलग-अलग हिस्सों में हल्की बारिश के साथ छिटपुट बारिश और गरज के साथ छिटपुट गतिविधियां हुईं। इन पूर्व मानसून गतिविधियों ने तापमान को कम करने में मदद की। गर्मी से आंशिक राहत मिली थी। लेकिन ए कबार फिर तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
देशभर में यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम
केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक इस समय उत्तरी राजस्थान और आसपास के इलाकों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र निचले स्तरों पर बना हुआ है। एक टर्फ रेखा विदर्भ से मराठवाड़ा होते हुए उत्तर आंतरिक कर्नाटक तक फैली हुई है। दक्षिण पूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र के आस-पास के हिस्सों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। 19 अप्रैल तक एक नए पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत में पहुंचने की उम्मीद है।