Chandigarh/Alive News: मुख्यमंत्री ने ये घोषणाएं बुधवार को आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर्स यूनियन के पदाधिकारियों के साथ मांगों को लेकर हुई बैठक के बाद कीं। बैठक में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री कमलेश ढांडा मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स के रूप में काम करने के लिए सभी आंगनबाड़ी वर्कर्स को 1000-1000 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए जाएंगे।
इसके साथ ही आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर को नहीं हटाया जाएगा। सरकार प्रदेश में आंगनबाड़ी के साथ-साथ क्रेच खोलने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इन क्रेच में भर्ती के लिए नए उम्मीदवारों के साथ-साथ आंगनबाड़ी वर्कर्स को भी मौका मिलेगा। घोषणाओं के लिए यूनियन ने मुख्यमंत्री व राज्य मंत्री का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर्स को भविष्य में आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर किया जाएगा। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत दुर्घटना होने की स्थिति में 2 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
इस योजना के तहत 12 रुपये प्रति माह प्रीमियम का भुगतान राज्य सरकार करेगी। हाल ही में एक दुर्घटना में झज्जर जिले की दो आंगनबाड़ी वर्कर्स की मृत्यु हुई है, उन्हें दो-दो लाख रुपये दिए जाएंगे। सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का किराया पीडब्ल्यूडी से समीक्षा कराने के बाद पंचायत या यूएलबी देगा। आंगनबाड़ी वर्कर्स को लिखित परीक्षा के माध्यम से सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नत करने की नीति लाई जाएगी।
सभी आंगनबाड़ी वर्कर्स को दिया जाएगा मोबाइल फोन
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी आंगनवाड़ी वर्कर्स को विभाग की ओर से एक-एक मोबाइल फोन दिया जाएगा ताकि वे पोषण ट्रैकर ऐप पर अपनी आंगनबाड़ी से संबंधित संपूर्ण डाटा रिपोर्ट ऑनलाइन अपडेट रखें। इसके लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी। प्रौद्योगिकी के उपयोग से सिस्टम में पारदर्शिता आती है और किसी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना पर भी विराम लगता है।